अमरावती: आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने 135 सीटें जीतकर सत्तारूढ़ YSRCP को बड़ी चुनावी पटखनी दी है. जिसका नतीजा यह हुआ कि, जगनमोहन रेड्डी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. कुल मिलाकर देखा जाए तो आंध्र प्रदेश में टीडीपी की एकतरफा जीत ने चंद्रबाबू नायडू को केंद्र में भी किंगमेकर बना दिया है. पर ये सब हुआ कैसे? पांच साल पहले 150 से ज्यादा सीटें जीतकर आंध्र प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुए जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस इस बार विपक्ष में कैसे चली गई. आखिर आंध्र में कैसे हुआ ये 'खेला'...क्या पिछले साल चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी टर्निंग प्वाइंट साबित हुई?
चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तार को लेकर जनआक्रोश
दरअसल, टीडीपी के मुखिया की गिरफ्तारी से जनता के मन में चंद्रबाबू नायडू के लिए सहानुभूति पैदा हो गई, जिसका लोकसभा और विधानसभा चुनावों में साफ असर दिखा और यही जगन मोहन रेड्डी के पतन का कारण बनी. आंध्र की जनता को लगा कि एक राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर जगनमोहन रेड्डी ने सत्ता का कथित तौर पर दुरुपयोग करते हुए चंद्रबाबू नायडू पर मनगढ़ंत आरोप लगाए और उन्हें गिरफ्तार किया. जनता को यह सब कुछ अवैध लगा, जो वाईेएसआरसीपी सरकार के घोर पतन का कारण रहा. देश और दुनिया ने 4 जून के नतीजों को देखा कि कैसे आंध्र प्रदेश में टीडीपी की सुनामी वाली आंधी में जगन मोहन रेड्डी की सरकार उजड़ कर बिखर गई. चंद्रबाबू नायडू के लिए जनता के समर्थन और सहानुभूति ने साबित कर दिया है कि वाईएसआरसीपी सरकार ने उनके खिलाफ जो मामले दर्ज किए, उसमें उनकी कोई गलती नहीं है.
जगनमोहन रेड्डी को हुआ तगड़ा नुकसान
आंध्र प्रदेश की जनता ने इस बार जो जनादेश दिया है उसमें अधिकांश टीडीपी उम्मीदवारों को पूरे आंध्र प्रदेश में वोट मिले हैं. इस बार जनता ने चंद्रबाबू नायडू की पार्टी पर भरोसा जताया है उन्हें वोटों का आशीर्वाद देकर राज्य की सत्ता के शिखर पर पहुंचा दिया. टीडीपी के समर्थकों ने आंध्र प्रदेश और पड़ोसी राज्यों में हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे शहरों में रैलियां और बैठकें आयोजित करके चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी का विरोध किया था. देशभर में लोगों ने वैश्विक नेता चंद्रबाबू नायडू के प्रति अपना प्यार और समर्थन जताया.
वाईएसआरसीपी सरकार का टीडीपी प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई
बता दें कि, हजारों करोड़ के भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति मामले के मुख्य आरोपी जगन मोहन रेड्डी 2019 में सत्ता में आए. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने चंद्रबाबू नायडू को घेरना शुरू कर दिया. उन्होंने राज्य में नायडू की छवि खराब करने की कोशिश की. 9 सितंबर 2023 को सुबह 6 बजे, डीआइजी रघुरामी रेड्डी के नेतृत्व में पुलिस ने चंद्रबाबू नायडू को बेहद अपमानजनक तरीके से नंदयाल जिले में गिरफ्तार कर लिया और उन्हें विजयवाड़ा रूट से ले गए. वहीं, चंद्रबाबू की गिरफ्तारी की जानकारी मिलने पर टीडीपी कार्यकर्ता बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए और विभिन्न कारणों से पुलिस के काफिले को रोकने का प्रयास किया. चंद्र बाबू नायडू की गिरफ्तारी से लेकर उनकी रिहाई तक, 52 दिनों तक राज्य भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और एकजुटता रैलियां निकाली गईं. चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के बाद से उनके समर्थक परेशान रहे. जिसके परिणामस्वरूप कई मौतें भी हुईं. वहीं नायडू की पत्नी, भुवनेश्वरी ने 'सच्चाई की जीत होनी चाहिए' अभियान के तहत मृतकों के परिवारों से मुलाकात की और उन्हें समर्थन देने की पेशकश करते हुए उन्हें सांत्वना दी थी.