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केंद्र ने जमात-ए-इस्लामी-जम्मू कश्मीर पर बैन को लेकर ट्रिब्यूनल का गठन किया - Centre ban on Jamaat e Islami JK

Ban on JeI Center formed tribunal: केंद्र सरकार ने जमात-ए-इस्लामी-जेके को गैरकानूनी संघ घोषित करने को लेकर एक ट्रिब्यूनल का गठन किया है. इसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शामिल होंगे.

Center formed tribunal regarding ban on Jamaat-e-Islami-Jammu Kashmir
केंद्र ने जमात-ए-इस्लामी-जम्मू कश्मीर पर बैन को लेकर ट्रिब्यूनल गठन किया

By ANI

Published : Mar 14, 2024, 8:09 AM IST

नई दिल्ली: केंद्र ने गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) ट्रिब्यूनल का गठन किया. इसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश शामिल हैं जो यह फैसला करेंगे कि जमात-ए-इस्लामी, जम्मू और कश्मीर (JeI) को 'गैरकानूनी संघ' घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं. गृह मंत्रालय (MHA) ने बुधवार को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की.

जमात-ए-इस्लामी, जम्मू और कश्मीर (Jamaat-e-Islami, Jammu and Kashmir) को भारत के राजपत्र में प्रकाशित 27 फरवरी, 2024 की अधिसूचना के माध्यम से एक गैरकानूनी संघ घोषित किया गया है. अब केंद्र सरकार गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) न्यायाधिकरण का गठन करती है, जिसमें न्यायमूर्ति नवीन चावला शामिल होंगे. गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा, 'जमात-ए-इस्लामी, जम्मू और कश्मीर (जेईआई) को गैरकानूनी संघ घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं, इस पर फैसला देने के उद्देश्य से दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश इसमें शामिल होंगे.'

इससे पहले 27 फरवरी को गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत जमात-ए-इस्लामी-जेके पर प्रतिबंध को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया था. एक्स हैंडल पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पोस्ट किया, 'आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन करते हुए सरकार ने जमात-ए-इस्लामी, जम्मू कश्मीर पर प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया.

संगठन को राष्ट्र की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ अपनी गतिविधियां जारी रखते हुए पाया गया है. संगठन को पहली बार 28 फरवरी, 2019 को 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया गया था. केंद्र ने 28 फरवरी, 2019 को यूए(पी)ए ( UAP(A)) के तहत जेईआई-जे-के को 'गैरकानूनी संघ' घोषित करते हुए उस पर प्रतिबंध लगा दिया. इस आशय की एक अधिसूचना में कहा गया, 'जेईआई आतंकवादी संगठनों के साथ निकट संपर्क में था, जम्मू-कश्मीर और अन्य जगहों पर उग्रवाद का समर्थन कर रहा था और देश में राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल था.

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