नई दिल्ली : मुंबई हवाई अड्डे पर एयर ट्रैफिक की खराब हालत को देखते हुए केंद्र सरकार ने कुछ अहम फैसले लिये हैं. केंद्र सरकार ने व्यस्त समय 'पीक आवर' के दौरान गैर-अनुसूचित उड़ान संचालन सहित कुछ और तरह की उड़ानों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना महामारी के बाद हवाई यातायात में काफी वृद्धि दर्ज की गई है. एयर ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए हवाईअड्डा प्रबंधन पर्याप्त उपाय करने में विफल रहा है. इससे कई तरह की समस्यायें खड़ी हो रही हैं.
मंत्रालय ने कहा कि हवाईअड्डा संचालक ने एयर ट्रैफिक की समस्या को हल करने के लिए कदम नहीं उठाए. उन्हें हवाई यातायात गतिविधियों को सुव्यवस्थित और विनियमित करने के लिए प्रयास करना चाहिए था. लेकिन, उनकी ओर से ऐसा नहीं करने के कारण हमें इस मामले में कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
हवाई अड्डे का संचालन मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) की ओर से किया जाता है. मंत्रालय ने कहा कि हवाईअड्डा अपने रनवे पर भीड़भाड़ और अतिरिक्त बोझ ग्रस्त है. जिससे अनजाने में एयर ट्रैफिक में काफी समस्यायें उत्पन्न हो रहीं हैं. इस कारण से उड़ानों को लगभग 40-60 मिनट की लंबी अवधि के लिए शहर के ऊपर मंडराने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
मंत्रालय ने आगे कहा कि यह देखते हुए कि एक विमान औसतन प्रति घंटे 2000 किलोग्राम ईंधन की खपत करता है, चक्कर लगाने की इतनी लंबी अवधि के कारण विमानों के लिए 1.7 किलोलीटर ((1700 किलोग्राम)) जेट ईंधन (लगभग 1.8 लाख रुपये की लागत) तक ईंधन की महत्वपूर्ण बर्बादी होती है. हवा में चक्कर लगाने में 40 मिनट का समय लगता है और 60 मिनट में चक्कर लगाने में लगभग 2.5 किलोलीटर (2500 किलोग्राम) जेट ईंधन (लगभग 2.6 लाख रुपये की लागत) लगता है.