क्या भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर सकती है मनसे, जानिए महाराष्ट्र में कैसी है पार्टी की पैठ
Bharatiya Janata Party, क्या भारतीय जनता पार्टी शिवसेना उद्धव गुट की जगह महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी राज ठाकरे को देना चाहती है. क्या पार्टी को मराठी वोटों की चिंता सता रही है. यदि देखा जाए तो शिवसेना उद्धव ठाकरे ग्रुप की जगह बीजेपी, मनसे से मराठी वोटबैंक पर डोरे डालना चाहती है. मंगलवार को मनसे प्रमुख राज ठाकरे और उनके बेटे अमित ठाकरे की गृह मंत्री के साथ आधे घंटे चली वार्ता के बाद दोनों ही पार्टियों के एक साथ चुनाव लड़ने के संकेत मिले हैं. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट...
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में बीजेपी मराठी वोटबैंक को स्थिर करने की कोशिश में जुटी है और ये कोशिश वो आने वाले दिनों में राज ठाकरे की पार्टी मनसे के साथ मिलकर कर सकती है. बदले में उन्हें दक्षिण मुंबई की सीट भी भाजपा दे सकती है. यही नहीं सूत्रों की माने तो नगरपालिका चुनाव और विधानसभा के चुनाव में भी दोनों पार्टियां गठबंधन में चुनाव लड़ सकती हैं.
हालांकि यदि देखा जाए तो जहां अपनी पार्टी का जनाधार कम होते जा रहे मनसे के नेता राज ठाकरे अपनी पार्टी बचाने की जुगाड़ में जुटे हैं, वहीं महाराष्ट्र में शिवसेना उद्धव गुट की भरपाई भी ठाकरे परिवार के सामने ठाकरे को ही खड़ा करके करना चाहती है. यही वजह है कि दोनों ही पार्टियों को एक दूसरे का गठबंधन सूट कर रहा है.
सूत्रों की माने तो बीजेपी राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे के चुनाव में उतरने का भी मन बना रही है. हालांकि अभी तक ठाकरे परिवार में इससे पहले मात्र आदित्य ठाकरे ही चुनावी मैदान में उतरे हैं, लेकिन अब बारी अमित ठाकरे की भी आ सकती है. सूत्रों की माने तो बीजेपी ये योजना बना रही है कि राज ठाकरे और उद्धव के बीच तुलना कर उद्धव को जमीनी नेता और राज ठाकरे को परिवारवाद का उदाहरण बताकर चुनावी मैदान में प्रचार प्रसार किया जाए.
हालांकि इस गठबंधन की औपचारिक घोषणा अभी तक नहीं की गई है, मगर अमित शाह के स्वागत के बाद ये गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है. अभी तक राज ठाकरे को सबसे ज्यादा सीटें 2009 में मिली थी. जिसमें राज ने 13 उम्मीदवार उतारे थे और उनके 11 उम्मीदवार जीत गए थे, लेकिन उसके बाद 2019 में मनसे ने लोकसभा में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे और विधानसभा में कुछ कम उम्मीदवार उतारे, मगर एक भी सीट पार्टी जीत नहीं पाई, उल्टे ज्यादातर की जमानत जब्त हो गई.
इसी से इस बात को भी बल मिल रहा है कि क्या राज ठाकरे का वोटबैंक बीजेपी को जिताने में सहायक हो पाएगा. बहरहाल बीजेपी इस बार कमल पर भरोसा कर ही अपने उम्मीदवार उतार रही है और उनका मानना है कि जितनी भी सहयोगी पार्टियां हैं, वो पीएम मोदी के नाम पर ही वोट मांगेगी, इससे लोकसभा में बीजेपी को और विधानसभा में उन पार्टियों को मदद मिलेगी. इस गठबंधन पर फिलहाल पार्टी के नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.