नई दिल्ली: ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा इन दिनों भारत दौरे पर हैं. विएरा 9वीं भारत-ब्राजील आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए आए हैं. वहीं, इस बैठक में भारत उन सैकड़ों पुरुषों और महिलाओं का मुद्दा उठा सकता है, जो ब्राजील के सौ पाउला हवाई अड्डे पर फंसे हुए हैं. सूत्रों के अनुसार सैकड़ों फंसे हुए लोगों के अवैध अप्रवासी होने का संदेह जताया गया है. ताजा जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आज ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा का स्वागत करते हुए प्रसन्नता हुई. उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए लिखा कि 9वीं भारत-ब्राजील संयुक्त आयोग बैठक में उपयोगी चर्चा होगी.
यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि ब्राजील एशिया से कुछ विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर करने वाला है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में प्रवासी के रूप में दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र में शरण लेना चाहते हैं.
ब्राजील के विदेश मंत्री का दौरा महत्वपूर्ण क्यों?
ब्राजील के विदेश मंत्री का यह दौरा बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह दौरा जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य के बीच हो रहा है. आज, ब्राजील के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ नौवीं भारत-ब्राजील संयुक्त आयोग की बैठक करेंगे. विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि इस वर्ष जी-20 की अध्यक्षता ब्राजील कर रहा है, इसलिए इस बात पर भी चर्चा होगी कि किस प्रकार दोनों देश पिछले वर्ष भारत की अध्यक्षता में हुई जी-20 के प्रमुख परिणामों को आगे बढ़ाएं.
बता दें, भारत और ब्राजील के बीच बहुआयामी संबंध हैं, जो साझा मूल्यों पर आधारित हैं. विदेश मंत्री विएरा की आगामी यात्रा 2006 में स्थापित रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने तथा विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय क्षेत्र में सहयोग के नए रास्ते तलाशने का अवसर प्रदान करेगी. रिपोर्टों के अनुसार, ब्राजील के साओ पाउलो हवाई अड्डे पर 666 प्रवासियों को बिना वीजा के देश में प्रवेश करने से रोका गया, जिनमें भारतीय, नेपाली और वियतनामी लोग शामिल हैं.