दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

राहुल गांधी और खड़गे दोनों ही नहीं चाहते वोटर्स से खोखले वादे करना - Rahul Gandhi - RAHUL GANDHI

Congress Manifestos: कांग्रेस तीनों राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए मसौदा घोषणापत्र पर चर्चा कर रही है. जम्मू कश्मीर और हरियाणा में चुनाव का ऐलान पहले ही हो चुका है, जबकि महाराष्ट्र में साल के अंत में चुनाव हो सकते हैं.

राहुल गांधी और खड़गे दोनों ही नहीं चाहते वोटर्स से खोखले वादे करना
राहुल गांधी और खड़गे दोनों ही नहीं चाहते वोटर्स से खोखले वादे करना (ANI)

By Amit Agnihotri

Published : Sep 8, 2024, 5:54 PM IST

नई दिल्ली:आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के भीतर गहन विचार-विमर्श चल रहा है. राहुल गांधी और पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे घोषणापत्र में किए जाने वाले चुनावी वादों के फाइनेंशियल असेसमेंट को लेकर गहन आकलन करना चाहते हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, राहुल और खड़गे दोनों न केवल बीजेपी के साथ बल्कि राज्यों में पार्टी के पुराने सहयोगियों के साथ भी प्रतिस्पर्धी राजनीति से अवगत हैं, जो अपने स्वयं के घोषणापत्र भी जारी कर सकते हैं.

प्रारंभिक फोकस हरियाणा पर है, जहां 5 अक्टूबर को चुनाव होने हैं. इसके अलावा पार्टी केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा. इसके अलावा महाराष्ट्र और झारखंड में भी कांग्रेस के घोषणापत्र के लिए चर्चा चल रही है, जहां इस साल के अंत में चुनाव होने हैं.

घोषणापत्र पर चर्चा
राज्यों में पार्टी घोषणापत्र के लिए एआईसीसी कोर्डिनेटर टीएस सिंह देव ने ईटीवी भारत को बताया, "तीनों राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए मसौदा घोषणापत्र पर चर्चा चल रही है. राज्य यूनिट मसौदों पर काम कर रही हैं और हम उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं. हालांकि, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव पहले होंगे, लेकिन हमें महाराष्ट्र और झारखंड के लिए भी अपने मसौदा घोषणापत्र के साथ तैयार रहना होगा."

देव ने कहा, "कांग्रेस के घोषणापत्र पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और मौजूदा पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए पवित्र दस्तावेज है. दोनों नेता चाहते हैं कि राज्यों में कांग्रेस द्वारा की गई चुनावी गारंटियों की वित्तीय लागत का पहले से अध्ययन किया जाना चाहिए. हम बीजेपी की तरह खोखली गारंटियां नहीं देना चाहते. हम केवल वही सूचीबद्ध करेंगे जो करने योग्य है."

हरियाणा में कोई मुद्दा नहीं
उन्होंने कहा कि हरियाणा में कोई मुद्दा नहीं है, जहां कांग्रेस अपने दम पर चुनाव जीतने की उम्मीद कर रही है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पहले ही अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. अगर गठबंधन जीतता है, तो शासन के लिए एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम बाद में तैयार किया जाएगा.

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में संविधान के अनुच्छेद 370 की वापसी का उल्लेख है, जिसने तत्कालीन राज्य को विशेष दर्जा दिया था और जिसे मोदी सरकार ने 2019 में हटा दिया था.

पिछले हफ़्ते से भगवा पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनाव घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 के उल्लेख को लेकर भारत अलायंस पर निशाना साध रही है. कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस मतदाताओं के लिए, विवादास्पद अनुच्छेद एक भावनात्मक और साथ ही राजनीतिक मुद्दा है.

महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी से गठबंधन
बता दें कि जम्मू-कश्मीर की तरह कांग्रेस महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव शिवसेना यूबीटी और शरद पवार की पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ रही है. झारखंड में, कांग्रेस मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा की सहयोगी है.

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि दोनों राज्यों में सहयोगी दल अपने-अपने चुनाव घोषणापत्र रख सकते हैं. देव ने कहा, "चुनाव घोषणापत्र पर चर्चा करते समय हम इस संभावना को भी ध्यान में रख रहे हैं कि हमारे सहयोगी दल अपने-अपने घोषणापत्र रख सकते हैं, हालांकि शासन के लिए साझा न्यूनतम कार्यक्रम बाद में तैयार किया जाएगा."

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, एआईसीसी राज्य इकाइयों से ब्लॉक स्तर तक के सभी हितधारकों के साथ मसौदा चुनाव घोषणापत्र पर चर्चा करने का भी आग्रह कर रही है, ताकि दस्तावेज वास्तव में मतदाताओं की इच्छाओं को प्रतिबिंबित कर सकें.

देव ने कहा, "हमने उनसे घोषणापत्र को सार्थक बनाने के लिए राज्य भर में अधिक से अधिक हितधारकों से बात करने के लिए कहा है. अब तक, उन्होंने कुछ बेहतरीन सुझाव दिए हैं."

यह भी पढ़ें- विजय की पार्टी TVK को चुनाव आयोग ने किया रजिस्टर, एक्टर ने दी जानकारी

ABOUT THE AUTHOR

...view details