सॉफ्टवेयर के जरिए बुक कर डाली 4.5 करोड़ की कन्फर्म ट्रेन टिकट, विजिलेंस ने किया गिरफ्तार - Train Tickets Booking Fraud
किसी ट्रेन में कन्फर्म टिकट होना एक वरदान के जैसा है. गुजरात में सूरत पुलिस ने सॉफ्टवेयर की मदद से कन्फर्म ट्रेन टिकट बनाने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया है. आरोपी घर बैठे कई लैपटॉप से टिकट बुक कर रहा था.
ट्रेन टिकट बुक करने वाला आरोपी (फोटो - ETV Bharat Gujarat Desk)
सूरत: आईआरसीटीसी की सत्यापन और सुरक्षा प्रणाली को दरकिनार करने और थोक में कन्फर्म टिकट बुक करने के आरोप में गुजरात के सूरत में स्थित एकता ट्रैवल्स के राजेश मित्तल के ठिकानों पर विजिलेंस टीम ने छापेमारी की.
मुंबई विजिलेंस विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत सुधीर शर्मा ने उमरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने शिकायत में कहा कि 'सिटीलाइट स्थित मेघसमरन अपार्टमेंट में रहने वाले राजेश गिरधारी मित्तल के बारे में जानकारी मिली है कि वह सॉफ्टवेयर की मदद से कन्फर्म ट्रेन टिकट बुक कर रहे हैं.
इस सूचना के आधार पर विजिलेंस की एक टीम ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर राजेश मित्तल के मेघसमरन स्थित आवास पर छापा मारा. मंगलवार 25 जून को सिटीलाइट स्थित अपार्टमेंट में वह बिस्तर पर एक साथ पांच लैपटॉप चला रहे थे और ट्रेनों की ई-टिकट बुक कर रहे थे.'
प्रारंभिक जांच में पता चला कि इस ऐप का इस्तेमाल गुड्डर और नेक्सस सॉफ्टवेयर का उपयोग करके कन्फर्म ट्रेन टिकट बुक करने के लिए किया जाता था. विजिलेंस टीम ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर जब छापेमारी की तो राजेश मित्तल के घर से 973 फर्जी आईडी, पांच लैपटॉप और पांच हाई स्पीड राउटर बरामद हुए. इसके साथ ही नेक्सस और गडर नाम के दो सॉफ्टवेयर भी मिले.
आगे की जांच में पता चला कि उनके सॉफ्टवेयर के जरिए 4.50 करोड़ रुपये के ई-टिकट बुक किए गए थे. जिसके बाद उमरा पुलिस स्टेशन में अपराध दर्ज किया गया. पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज करने के बाद राजेश गिरधारी मित्तल (निवासी मेघसमरन अपार्टमेंट, सिटीलाइट) और कृपा दिनेशभाई पटेल (निवासी सुमन आराधना अपार्टमेंट, अलथान) को गिरफ्तार कर लिया.