मुंबई: पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज (25 जून) नाबालिग आरोपी को जमानत दे दी है. अदालत ने आरोपी किशोर को निगरानी गृह से रिहा करने का आदेश दिया है. जस्टिस भारती डांगरे और मंजूषा देशपांडे ने 21 जून इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है. नाबालिग आरोपी के रिश्तेदार ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. पुणे पोर्शे कार हिट एंड रन मामला पूरे देश में चर्चा में है. पुणे के कल्याणीनगर इलाके में एक चौंकाने वाली घटना हुई जहां एक युवक ने पोर्शे कार से दो युवकों को कुचल दिया था.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को आदेश दिया कि पिछले महीने पुणे में पोर्शे कार दुर्घटना में कथित तौर पर शामिल 17 वर्षीय लड़के को तुरंत निगरानी गृह से रिहा किया जाए. वहीं, पुलिस का दावा है कि किशोर, जिसके बारे में पुलिस का दावा है कि उसने नशे की हालत में लक्जरी कार चलाते हुए 19 मई की सुबह एक दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी, जिसमें दो तकनीशियनों की मौत हो गई. नाबालिग को महाराष्ट्र के पुणे शहर के एक निगरानी गृह में रखा गया था.
लड़के की चाची ने याचिका में दावा किया कि राजनीतिक एजेंडे के साथ सार्वजनिक हंगामे के कारण, पुलिस नाबालिग लड़के के संबंध में जांच के सही रास्ते से भटक गई, जिससे किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम का पूरा उद्देश्य ही विफल हो गया.