बीजापुर:केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और बीडीएस फोर्स ने डी माइनिंग के दौरान माओवादियों के लगाए तीन घातक बमों को निष्क्रिय कर दिया. सर्चिंग पर निकले जवानों को निशाना बनाने के लिए माओवादियों ने ये बम गदामली से कडेर के बीच बन रहे सड़क पर लगाए थे. फोर्स ने समय रहते सभी तीनों बमों को जमीन से निकालकर डिफ्यूज कर दिया. फोर्स के मुताबिक बरामद किए गए तीनों IED काफी शक्तिशाली थे.
यहां जमीन से निकला मौत का सामान! निशाने पर थे जवान - Bomb planted by Naxalites recovered - BOMB PLANTED BY NAXALITES RECOVERED
बस्तर में एक बार फिर नक्सलियों की खूनी साजिश को जवानों ने नाकाम कर दिया है. बीडीएस और सीआरपीएफ के जवानों ने डी माइनिंग के दौरान तीन IED बरामद किया. बरामद किए गए बम काफी घातक हैं. जवानों को निशाना बनाने के लिए माओवादियों ने ये बम जमीन के नीचे लगा रखा था. समय रहते जवानों ने तीनों बमों को एक एक कर डिफ्यूज कर दिया. जवानों की सतर्कता से बड़ा खतरा टल गया.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jun 15, 2024, 3:30 PM IST
|Updated : Jun 15, 2024, 6:54 PM IST
नक्सलियों के लगाए तीन IED को जवानों ने किया डिफ्यूज:फोर्स ने बमों को बरामद करने के बाद बताया कि बमों को स्ट्रीट सोलर पैनल के पोल को काटकर तैयार किया गया था. बरामद किए गए बमों में दो पाइप बम और एक कूकर बम शामिल है. दोनों पाइप बम तीस तीस किलो के और कूकर बम दस किला का था. नक्सलियों ने तीनों बमों को कमांड स्वीच सिस्टम से जोड़ रखा था. दो मीटर की दूरी पर सभी बम सीरीज में सेट किए हुए मिले हैं.
निर्माणाधीन सड़क के नीचे लगा था मौत का सामान: अक्सर जवानों को निशाना और अपने एंबुश में फंसाने के लिए माओवादी जमीन के नीचे बमों को प्लांट कर देते हैं. जब भी नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क निर्माण का काम होता है वहां पर नक्सली इन बमों को प्लांट कर देते हैं. वायर के जरिए बाद में उसमें धमाका करते हैं. नक्सलियों की इस खूनी साजिश को समझते हुए अब जवान मेटेल डिटेक्टर का भी इस्तेमाल जंगलों में सर्चिंग के दौरान करने लगे हैं. पूरे बस्तर में इन दिनों नक्सलियों के खात्मे के लिए नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. नक्सल विरोधी अभियान के चलते माओवादी बौखलाए हुए हैं.