कोलकाता:पश्चिम बंगाल पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई की महासचिव अग्निमित्रा पॉल और लॉकेट चटर्जी के नेतृत्व में बृहस्पतिवार दोपहर संदेशखाली जा रहीं पार्टी की महिला नेताओं को कोलकाता के बाहरी इलाके 'न्यू टाउन' में ही रोक लिया. इस दौरान पुलिस के साथ उनकी तीखी नोकझोंक भी हुई और महिला नेताओं ने उसी जगह धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया, जहां उन्हें रोका गया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.
नेताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें इस आधार अशांत संदेशखाली की ओर से बढ़ने से रोक दिया गया कि वहां (संदेशखाली) के कई हिस्सों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है. पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी एवं भाजपा टीम की सदस्य भारती घोष ने कहा, 'यह अपमानजनक है. संदेशखाली में आंदोलन पर प्रतिबंधों का हवाला देकर पुलिस हमें कोलकाता में कैसे रोक सकती है?'
आसनसोल दक्षिण क्षेत्र की विधायक पॉल ने कहा कि टीम का मकसद केवल संदेशखाली के उन क्षेत्रों का दौरा करने का था, जो निषेधाज्ञा धारा के दायरे से बाहर हैं. उन्होंने पूछा, 'क्या कोलकाता में धारा 144 लागू है? पुलिस किस आधार पर हमें यहां रोक सकती है?' हुगली से सांसद चटर्जी ने कहा कि पुलिस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अभी भी संदेशखालr के राज पर पर्दा डाले रखना चाहती है, हालांकि वहां के अत्याचार पहले ही उजागर हो चुके हैं. इस टीम में भाजपा नेता फाल्गुनी पात्रा भी शामिल रहीं.