नई दिल्ली:केंद्र में नई सरकार बनने और मंत्रालयों के बंटवारे के बाद अब लोकसभा स्पीकर पद को लेकर मंथन जारी है. लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद खबरें आई थीं कि बीजेपी के सहयोगी दल स्पीकर पद चाहते हैं. हालांकि, सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि, बीजेपी स्पीकर पद अपने पास ही रखेगी. वहीं डिप्टी स्पीकर का पद एनडीए के सहयोगी दलों को दिया जा सकता है. संसद का सत्र शुरू होने वाला है और अब सत्ताधारी पार्टी के साथ साथ विपक्ष भी नए मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने को रणनीति बना रहा है ,मगर सत्ताधारी पार्टी अब स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के बीच अपनी गठबंधन की पार्टियों के साथ सहमति बनाने पर मंथन कर रही है. सूत्रों की माने तो सहयोगियों से कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है जिसकी जिम्मेदारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दी गई है. इस विषय पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर पी सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
बीजेपी स्पीकर पद अपने पास रख सकती है, सूत्र
रविवार और सोमवार लगातार बीजेपी और सहयोगी पार्टियों के बीच संसद की रणनीतियों और स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के पद पर मंथन चलता रहा. इस बार अंदरखाने ये भी बातें निकल कर आ रहीं है की भाजपा स्पीकर का पद अपने पास और डिप्टी स्पीकर का पद सहयोगियों को देना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 जून को लोकसभा स्पीकर के उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव सदन में रखेंगे. चर्चा है कि बीजेपी स्पीकर का पद अपने पास रख सकती है जबकि डिप्टी स्पीकर का पद एनडीए के दो बड़े सहयोगी जेडीयू या फिर टीडीपी में से किसी एक को दिया जा सकता है.
क्या बोले बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह?
इस मुद्दे पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने इस सवाल पर कि, संसद सत्र में विपक्षी पार्टियां सरकार को घेरने की रणनीति बना रहीं हैं और स्पीकर पद के उम्मीदवार का नाम भी पूछ रही है. आर पी सिंह ने कहा की विपक्ष पहले कहती रही कि सरकार नहीं बनेगी. उन्होंने कहा कि, सरकार भी भाजपा की बनी, बाद में कहा कि मंत्रिमंडल में सहयोगियों पर सहमति नहीं बनेगी.. वो भी बन गई और अब संसद पर सवाल ,और स्पीकर पर सवाल.उन्होंने कहा की एनडीए में कोई दिक्कत नहीं है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर पद को लेकर भी सर्वसम्मति बन जाएगी.
राजनाथ सिंह को मिली ये जिम्मेदारी
ईटीवी भारत ने सवाल किया, क्या स्पीकर पद को लेकर NDA सहयोगियों से बातचीत कर सहमति बनाने की जिम्मेदारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दी गई है. आरपी सिंह ने कहा कि, सहयोगी पार्टियों से कई मुद्दों पर बातचीत होती रहती है. पार्टी के वरिष्ठ नेता सहयोगियों से मिलते रहते हैं, क्योंकि ये सरकार की प्रक्रिया है. उन्होंने इस सवाल पर की विपक्ष को सीटें ज्यादा आईं हैं इसलिए वो सरकार पर संसद में आक्रामक हो सकती है. आरपी सिंह ने कहा कि, विपक्ष को 44 से 99 सीटें आईं हैं यदि वो अपनी विपक्ष की रचनात्मक भूमिका नही निभाएंगे तो फिर वापस पहुंच जायेंगे, उन्हे काम करने के लिए सीटें मिलीं हैं ना की अवरोध पहुंचने के लिए.