नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव से पहले की अंतिम रणनीति तैयार कर रही हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक कदम आगे बढ़कर सभी पार्टियों को कड़ी से कड़ी टक्कर देने के लिए चुनाव से पहले की आखिरी दाव खेल रही है. पार्टी ने टीम 27 तैयार की है जिसमें 27 बड़े नेताओं को शामिल किया गया है.
टीम के प्रत्येक नेताओं को दो-दो सीटों की जिम्मेदारी दी गई है. जिसके अनुसार ये नेता अपनी दोनों सीटों पर जाकर चुनाव प्रबंधन देखेंगे और अंतिम 15 दिन के चुनावी कैंपेन को धार देंगे . इस टीम में पार्टी ने अपने अनुभवी नेताओं को रखा है. पार्टी ने अपने कैंपेन को आक्रामक बनाने के लिए 27 टीम का गठन किया है.
तरुण चुग बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव (ETV Bharat) दिल्ली चुनाव के लिए भाजपा की टीम 27
जिन नेताओं को इस टीम 27 में रखा गया है और जिन जिन सीटों के चुनावी प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है वो इस तरह से हैं. केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया दिल्ली के शकूरबस्ती और मादीपुर विधानसभा सीट का चुनावी प्रबंधन देखेंगे.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान नरेला और बवाना सीट का प्रबंधन संभालेंगे. मंत्री पीयूष गोयल,सीट दिल्ली कैंट और वजीरपुर का प्रबंधन देखेंगे. वहीं, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मालवीय नगर और ग्रेटर कैलाश की जिम्मेदारी प्रबंधन की उठाएंगे. उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक दिल्ली के आदर्श नगर और बुराड़ी क्षेत्र का राजनीतिक प्रबंधन देखेंगे.
जबकि राष्ट्रीय महासचिवों में तरुण चुग लक्ष्मी नगर और कृष्णा नगर क्षेत्र का राजनीतिक प्रबंधन देखेंगे. सुनील बंसल को शालीमार बाग और त्रिनगर की जिम्मेदारी दी गई है. अरुण सिंह को मॉडल टाउन और मोती नगर का राजनीतिक प्रबंधन में लगाया गया है. वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को मुस्तफाबाद और करावल नगर के राजनीतिक प्रबंधन में लगाया है जबकि राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को जनकपुरी और उत्तम नगर के चुनावी प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बलयान को मटियाला और नजफगढ़ की जिम्मेदारी तो,पीपी चौधरी को मुंडका और नागलोई जाट की जिम्मेदारी दी गई है.
बीजेपी कार्यकर्ता सोहेल हिंदुस्तानी से बातचीत (ETV Bharat) बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र नागर को दिल्ली के पटपड़गंज और शाहदरा विधानसभा क्षेत्र मिला है. पार्टी में मध्य प्रदेश के प्रभारी और पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह को दिल्ली के छतरपुर और कालकाजी सीट की जिम्मेदारी मिली है. वहीं, सांसद विवेक ठाकुर को दिल्ली के द्वारका और विकासपुरी क्षेत्र में, सांसद निशिकांत दुबे को दिल्ली के किराड़ी और रिठाला विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है.
जबकि, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री विप्लव देव को दिल्ली के कस्तूरबा नगर और नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में वहीं तेलंगाना से बीजेपी सांसद अरविंद धर्मपुरी को दिल्ली के आर के पुरम और जंगपुरा सीट की जिम्मेदारी दी गई है. पार्टी नेता अनिल जैन को दिल्ली के गांधीनगर और विश्वास नगर विधानसभा सीट पर वहीं नरोत्तम मिश्रा को दिल्ली के पालम और राजेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है.
इसी तरह सभी बड़े और अनुभवी नेता इन क्षेत्रों में लगातार बने रहेंगे और कैंपेन की बागडोर और लोकल कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी रणनीति और सामंजस्य बनाकर तालमेल बिठाते हुए पार्टी के कैंपेन को आगे बढ़ाएंगे।ये टीमें हर दिन की स्ट्रेटजी बनाएगी और उन इलाकों में लोकल कार्यकर्ताओं को बूथ प्रबंधन से लेकर मतदाताओं को ट्रेनिंग और कैसे उन्हें मदद करना घर घर जाकर पार्टी के कैंपेन को आगे बढ़ाने का काम करेगी
देखा जाए तो इस बार के चुनावी बयानबाजी में विकास कार्यों को।कम और आपसी बयानबाजी और आरोप प्रत्यारोप को ज्यादा तरजीह दी जा रही है,पार्टी के3 कार्यकर्ता भी नेताओं से कम बयानबाजी नहीं कर रहे ऐसे ही एक अल्पसंख्यक कार्यकर्ता सोहेल हिंदुस्तानी का कहना है कि वो अल्पसंख्यक मतदाताओं को जाकर ये बता रहे कि किस तरह स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा टेक सहायता केंद्र दे रही है और बाकी पार्टियों ने तो अल्पसंख्यकों मात्र वोट बैंक समझा था
भाजपा ने अल्पसंख्यक मोर्चा सहित , युवा मोर्चा ,महिला मोर्चा को भी अलग अलग क्षेत्रों जाकर केंद्र सरकार द्वारा लिए जा रहे कार्यों को मतदाताओं तक पहुंचने की जिम्मेदारी दी गई है. सूत्रों की माने तो पार्टी के इन नेताओं को सोमवार सुबह ही विरोधी पार्टियां के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा आक्रामक और उनके गलत नीतियों के खिलाफ आवाज मुखर करने के निर्देश दिए गए हैं.
इस दौरान राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि, जनता द्वारा 11 साल का हिसाब पूछने पर आप पार्टी के संयोजक केजरीवाल अपनी गाड़ी से वोटरों को कुचल रहे हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि, जब लोग उनसे (अरविंद केजरीवाल) सवाल पूछते हैं तो, उनका ड्राइवर लोगों पर गाड़ी चढ़ा देता है. ये कहां का न्याय है.
बहरहाल आरोप प्रत्यारोप की राजनीति पूरे चरम पर पहुंच चुकी है. यही वजह है कि, सभी पार्टियां फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. वह इसलिए क्योंकि, कहीं ऐसा ना हो कि आरोप प्रत्यारोप में चुनावी अहर्ताएं भी भूल जाएं और फिर चुनाव आयोग के चक्कर लगाने पड़े.
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