बेंगलुरु: कर्नाटक में बेंगलुरु की सीआईडी स्पेशल कोर्ट ने संदेह के आधार पर हिरासत में लिए गए एक आरोपी की लॉकअप में मौत के मामले में चार पुलिसकर्मियों को 7 साल की सजा सुनाई है. खबर के मुताबिक, ओडिशा के मूल निवासी 42 साल के महेंद्र राठौड़ की लॉकअप में मौत हो गई थी. आरोप है कि, लॉकअप में पुलिसकर्मियों ने राठौड़ के साथ मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गई.
कोर्ट ने जिन 4 पुलिसकर्मियों को सजा सुनाई है उनमें जीवन भीमनगर पुलिस स्टेशन की क्राइम ब्रांच के तत्कालीन हेड कांस्टेबल एजाज खान, कांस्टेबल केशव मूर्ति, मोहन राम और सिद्दप्पा बोम्मनहल्ली हैं. इन सभी आरोपियों को 7 साल की जेल और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है.
क्या है पूरा मामला
जीवन भीमनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज चोरी के एक मामले में संदिग्ध महेंद्र राठौड़ को 19 मार्च, 2016 को पुलिस स्टेशन लाया गया था. एचएएल फेज 2 में एक घर में काम करने वाले महेंद्र राठौड़ पर उसी घर से 3.2 लाख रुपये चोरी करने का आरोप था.
पुलिस थाने में लाए गए महेंद्र राठौड़ को सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द होने के बाद शाम को बेहोश होकर गिर पड़े और उनकी मौत हो गई. सीआईडी जांच में पुष्टि हुई कि पुलिस कर्मियों की लापरवाही और शारीरिक हमले के परिणामस्वरूप पुलिस हिरासत में उनकी मौत हुई. 2019 में, सीआईडी अधिकारियों ने मृतक की मौत के लिए जिम्मेदार चार पुलिस कर्मियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर किया था. कृष्णवेणी ने मामले में विशेष सरकारी अभियोजक के रूप में बहस की थी. सुनवाई करने वाली सीआईडी की स्पेशल कोर्ट ने आरोपी पुलिसकर्मियों को दोषी पाया.
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