नई दिल्ली: कहते हैं की जब पड़ोस में अशांति हो तो आप भी सुकून से नहीं रह सकते और आज यही स्थिति भारत-बांग्लादेश में देखने को मिल रही है. फिलहाल भारत सरकार ने जिस तरह सूझ-बूझ के साथ बांग्लादेश में हुई राजनीतिक उथल-पुथल को लेकर अभी तक फूंक-फूंक कर कदम रखा है. उसे देखते हुए ये कहा जा सकता है कि बांग्लादेश सीमा पर रेहने वाले भारतीयों को ज्यादा पैनिक होने की जरूरत नहीं सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से सतर्क है.
बांग्लादेश की स्थिति बद से बदतर होती जा रहीं है. पड़ोसी देश से जिस तरह भयावह तस्वीरें आ रहीं हैं, वे भारत के लोगों में भी खौफ पैदा कर रहीं हैं. खासतौर पर बांग्लादेश में जो हिंदू समुदाय पर जिस तरह हमले हो रहे हैं वे डराने वाले हैं. हालांकि, सरकार का कहना है की वे बांग्लादेश आर्मी के संपर्क में हैं और एजेंसियां भी अलर्ट पर हैं.
पिछले चौबीस घंटों में भारत सरकार ने बांग्लादेश की परिस्थितियों को देखते हुए संवेदनशील और महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं इनमें शेख हसीना को सुरक्षित निकलने में सरकार ने मदद करना. उनके लिए भारत का वायु क्षेत्र खोलना, राफेल विमानों से उनके जहाज को सुरक्षा देना और उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखा जाना शामिल हैं.
शेख हसीना के लिए बढ़ जाती मुश्किलें
बांग्लादेश से दंगाइयों की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उन्हें देख कर लगता है कि अगर शेख हसीना बांग्लादेश में रह जाती तो उनके लिए स्थिति काफी कठिनाईपूर्ण हो सकती थी. सरकार ने भारतीय छात्रों की बांग्लादेश से सुरक्षित वापसी के लिए भी कदम उठाए हैं. हालांकि, सरकार ने पहले ही चेतावनी देकर छात्रों को वहां से निकलने को कहा था. एडवाइजरी जारी होने के बाद बीस हजार में से आठ हजार छात्र पड़ेसी देश से वापिस आ गए.