मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ठाणे के बदलापुर में स्कूल में दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न मामले का संज्ञान लिया और गुरुवार को मामले में सुनवाई की. इस दौरान अदालत ने महाराष्ट्र सरकार और पुलिस विभाग पर सख्त टिप्पणी की. हाईकोर्ट ने बदलापुर में नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न के मामले में पुलिस की जांच में देरी पर सवाल उठाए. पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट के संज्ञान लेने के बाद पुलिस ने बयान दर्ज करना शुरू किया.
हाईकोर्ट ने निर्देश गया कि पुलिस को गंभीरता से जांच करनी चाहिए और इस मामले में पीड़ित दूसरी लड़की का बयान आज दर्ज किया जाए. इस मामले में अगली सुनवाई मंगलवार को होगी.
गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच के समक्ष याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट की कार्यवाही शुरू होने के करीब सवा घंटे बाद राज्य के महाधिवक्ता डॉ. बीरेंद्र सराफ कोर्ट में पेश हुए. इस दौरान राज्य सरकार की ओर से मामले की जांच के लिए नियुक्त विशेष जांच दल की प्रमुख आरती सिंह कोर्ट में मौजूद थीं.
कोर्ट द्वारा उठाए गए सवाल
महाधिवक्ता (Advocate General) ने कोर्ट को बताया कि इस मामले की जांच पूरी गति से चल रही है और इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि कोई गलती न हो. आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि पीड़ित लड़की का बयान उसके घर पर दर्ज किया गया, इस दौरान कल्याण अधिकारी भी मौजूद थे. लड़की का मेडिकल परीक्षण कराया गया, पॉक्सो और यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया. जांच में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.