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बदलापुर की घटना पर हाईकोर्ट सख्त, पुलिस को लगाई फटकार, कहा- लड़कियों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता - Badlapur Sexual Assault Case - BADLAPUR SEXUAL ASSAULT CASE

Bombay High Court on Badlapur Sexual Assault Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को ठाणे के बदलापुर में एक स्कूल में दो नाबालिग बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटना को पूरी तरह चौंकाने वाला बताया. हाईकोर्ट ने कहा कि लड़कियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.

Bombay High Court on Badlapur Sexual Assault Case
बॉम्बे हाईकोर्ट (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 22, 2024, 3:32 PM IST

Updated : Aug 22, 2024, 4:34 PM IST

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ठाणे के बदलापुर में स्कूल में दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न मामले का संज्ञान लिया और गुरुवार को मामले में सुनवाई की. इस दौरान अदालत ने महाराष्ट्र सरकार और पुलिस विभाग पर सख्त टिप्पणी की. हाईकोर्ट ने बदलापुर में नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न के मामले में पुलिस की जांच में देरी पर सवाल उठाए. पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट के संज्ञान लेने के बाद पुलिस ने बयान दर्ज करना शुरू किया.

हाईकोर्ट ने निर्देश गया कि पुलिस को गंभीरता से जांच करनी चाहिए और इस मामले में पीड़ित दूसरी लड़की का बयान आज दर्ज किया जाए. इस मामले में अगली सुनवाई मंगलवार को होगी.

गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच के समक्ष याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट की कार्यवाही शुरू होने के करीब सवा घंटे बाद राज्य के महाधिवक्ता डॉ. बीरेंद्र सराफ कोर्ट में पेश हुए. इस दौरान राज्य सरकार की ओर से मामले की जांच के लिए नियुक्त विशेष जांच दल की प्रमुख आरती सिंह कोर्ट में मौजूद थीं.

कोर्ट द्वारा उठाए गए सवाल
महाधिवक्ता (Advocate General) ने कोर्ट को बताया कि इस मामले की जांच पूरी गति से चल रही है और इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि कोई गलती न हो. आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि पीड़ित लड़की का बयान उसके घर पर दर्ज किया गया, इस दौरान कल्याण अधिकारी भी मौजूद थे. लड़की का मेडिकल परीक्षण कराया गया, पॉक्सो और यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया. जांच में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

हाईकोर्ट ने फटकार लगाई
हालांकि, हाईकोर्ट मामले में समग्र जांच और पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं था. अदालत ने पूछा कि लड़की की काउंसलिंग के लिए क्या कदम उठाए गए? बयान देते समय जब महाधिवक्ता ने पीड़ित लड़की के माता-पिता की पहचान बताई तो कोर्ट ने उन्हें टोका और नाम न बताते हुए शिकायतकर्ता या माता-पिता के रूप में संदर्भित करने का निर्देश दिया.

पीठ ने पूछा कि एसआईटी कब गठित की गई? दूसरी लड़की का जवाब क्यों दर्ज नहीं किया गया? कोर्ट ने राज्य को इस संबंध में हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने पाया कि पुलिस ने जांच में लापरवाही बरती. कोर्ट ने पूछा कि इसका जवाब यह कैसे हो सकता है कि पुलिस को निलंबित कर दिया गया?

पुलिस की कार्रवाई में देरी
सुनवाई के दौरान पीठ ने पूछा कि क्या लड़की के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई? कोर्ट ने पाया कि पुलिस ने समग्र जांच में देरी की. महाधिवक्ता ने कहा कि पॉक्सो केस दर्ज होने के बाद तत्काल कार्रवाई क्यों नहीं की गई, क्योंकि इस मामले में स्कूल को कार्रवाई करनी जरूरी थी. पीठ ने कहा, हालांकि वह अलग मुद्दा है और महत्वपूर्ण यह है कि आप क्या कार्रवाई करते हैं.

अगली सुनवाई मंगलवार को
कोर्ट ने पाया कि इसमें शामिल स्कूल प्रबंधन ने भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया. स्कूल संचालक ने इसे नजरअंदाज किया. स्कूल को इस तरह की घटना के बारे में समय रहते पुलिस को सूचित करना चाहिए था. इस प्रकार से संबंधित सभी दस्तावेज मंगलवार की सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया.

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Last Updated : Aug 22, 2024, 4:34 PM IST

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