नई दिल्ली:जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. झारखंड और महाराष्ट्र में भी इसी साल के अंत में चुनाव होने हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) चुनावी राज्यों में काफी सक्रिय है, लेकिन पार्टी खास ध्यान झारखंड और महाराष्ट्र पर दे रही है, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.
झारखंड के हालिया सियासी घटनाक्रम इस बात का इशारा कर रहे हैं कि भाजपा नए समीकरण साधने की तैयारी कर रही है. माना जा रहा है कि झारखंड के आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने की घटना से भाजपा को डर है कि इसका चुनाव में नुकसान न उठाना पड़े. इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा चंपई सोरेन को लेकर नई रणनीति तैयार कर सकती है.
सूत्रों की मानें तो चंपई सोरेन अपनी अलग पार्टी खड़ी कर सकते हैं. ये बातें भी सामने आ रहीं की कि यदि भाजपा की ये रणनीति सफल होती है और चंपई अपनी पार्टी बनाकर राज्य की सभी 81 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करते हैं तो वो राज्य की बड़ी आदिवासी आबादी का वोट काट सकते हैं और आने वाले दिनों में इसी रणनीति के इर्द-गिर्द चंपई सोरेन की राजनीति देखने को मिल सकती है. भारतीय जनता पार्टी झारखंड में ये दांव खेलने जा रही है.
सूत्रों की मानें तो BJP चाहती है कि चंपाई सोरेन अपनी अलग पार्टी या मोर्चा बनाएं और झारखंड की आदिवासी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करें और हेमंत सोरेन व जेएमएम के वोट काटें ताकि वो भाजपा को जीतने में मदद करें. चंपाई सोरेन को पार्टी में शामिल कराने से भाजपा और पूर्व सीएम दोनों को झारखंड में फायदे की बजाय नुकसान का डर है.