गुवाहाटी: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में 11 नवंबर को जिरीबाम के छह मैतेई लोगों की हत्या के बाद स्थिति तनावपूर्ण है. हाल के हालात को देखते हुए असम की कछार पुलिस ने असम-मणिपुर सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है. साथ ही मणिपुर में उबल रहे हालात का असर कछार पर न पड़े, इसके लिए पुलिसकर्मी दिन-रात सीमा पर गश्त कर रहे हैं.
कछार पुलिस जमीनी रास्ते के साथ-साथ नदी के रास्ते पर भी कड़ी नजर रख रही है. कछार पुलिस की कमांडो बटालियन दिन-रात मशीन से चलने वाली नाव में सवार होकर असम और मणिपुर दोनों जगहों से होकर बहने वाली बराक नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक गश्त कर रही है.
जमीन और जलमार्गों पर नजर
कछार पुलिस जमीनी रास्ते और सीमा पर जलमार्गों पर भी कड़ी नजर रख रही है, ताकि मणिपुर से कोई भी बदमाश कछार में प्रवेश कर किसी तरह की अप्रिय घटना को अंजाम न दे सके. कछार के पुलिस अधीक्षक नोमल महत्ता हर रोज हालात का जायजा लेने सीमा पर पहुंचते हैं.
एसपी महत्ता सीमा क्षेत्र में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए मणिपुर के जिरीबाम के पुलिस अधीक्षक के साथ लगभग हर दिन बैठक कर रहे हैं. उन्होंने जिरीबाम के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन सिंह के साथ कल रात भी असम-मणिपुर सीमा पर बैठक की.
सीमा पर कड़ी निगरानी
बैठक के बाद महत्ता ने मीडियाकर्मियों को बताया कि पिछले कुछ दिनों से जिरीबाम जिले में माहौल गर्म बना हुई है. सीमा पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि जिरीबाम में हुई हिंसा का असर कछार पर न पड़े. इसके लिए पुलिस भूमि और नदी मार्गों पर गश्त कर रही है. कछार के पुलिस अधीक्षक ने चेतावनी भी दी कि अगर कोई उपद्रवी कछार में मणिपुर की तरह हिंसा करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
दूसरी ओर, जिरीबाम के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन सिंह ने कहा, "पिछले कुछ दिनों से जिरीबाम में स्थिति तनावपूर्ण थी, लेकिन अब जिरीबाम में स्थिति नियंत्रण में आ गई है. कछार पुलिस की मदद से असम-मणिपुर सीमा पर कड़ी नजर रखी जा रही है."
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