चेन्नई:तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में डॉक्टर पर हमले की एक और घटना सामने आई है. रॉयपुरम में स्टेनली मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक मनोचिकित्सक पर एक मरीज ने हमला कर दिया. नीलंकरई का रहने वाला भरत नाम के मरीज को उसके परिवार के लोग इलाज के लिए अस्पताल लाए थे. मनोचिकित्सक डॉ. हरिहरन की उसकी जांच कर रहे थे, इस दौरान मरीज ने अचानक डॉक्टर पर हमला कर दिया. डॉक्टर के चेहरे को नाखून से खरोंचने के बाद मरीज मौके से भाग गया.
पुलिस के मुताबिक, मरीज के हमले में डॉ. हरिहरन को मामूली चोटें आईं और फौरन उन्हें अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया. अब उनकी हालत स्थिर है. घटना के आधार पर स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई है.
चेन्नई में अस्पताल में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर पर यह दूसरा हमला है, जिससे चिकित्सा बिरादरी में नाराजगी है. रेजिडेंट डॉक्टरों ने हमलों की निंदा की और चिकित्सकों के लिए बेहतर सुरक्षा की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का पक्ष रखते हुए मेडिकल की छात्रा आरती ने कहा कि हम डॉक्टरों को भगवान न मानें. हमें एक इंसान की तरह देखें. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों पर हो रहे हमलों के कारण चिकित्सा बिरादरी के बीच डर का माहौल बन गया है. हम लोगों की सेवा करने के लिए यहां हैं, लेकिन हमें नहीं पता कि कब कोई हम पर हमला कर दे. आरती ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए हममें से कई डॉक्टर विदेश जाकर मेडिकल प्रैक्टिस करने पर विचार कर रहे हैं.
डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी
इन घटनाओं को लेकर राज्य भर में डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. डॉक्टरों ने राजीव गांधी सरकारी अस्पताल, ओमांदुरार सरकारी मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल, गिंडी केसीएसएस अस्पताल और चेन्नई के सरकारी स्टेनली अस्पताल सहित कई अस्पतालों में काम का बहिष्कार किया और विरोध प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
डॉक्टर पर हमले की सभी दलों ने निंदा की है, वहीं डीएमडीके महासचिव प्रेमलता विजयकांत ने गिंडी सरकारी अस्पताल में इलाज करा रहे डॉ. बालाजी से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना. इसके बाद, उन्होंने अस्पताल परिसर में हो रहे विरोध प्रदर्शन में भी भाग लिया.
अस्पतालों में पुलिस हेल्प डेस्क स्थापित किया जाएगा
इस बीच, चेन्नई पुलिस ने कहा है कि शहर के सभी सरकारी अस्पतालों में पुलिस हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे और हर अस्पताल में सुरक्षा के लिए 10 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे. चेन्नई में 19 सरकारी अस्पताल हैं. फिलहाल, नौ सरकारी अस्पतालों में पुलिस हेल्प डेस्क बनाए गए हैं. चेन्नई पुलिस द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि शेष 10 सरकारी अस्पतालों में पुलिस हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे और पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा.
इस बीच, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमण्यम ने हमले में घायल हुए डॉ. बालाजी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा, "हम डॉक्टरों की 100 प्रतिशत सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहे हैं." उन्होंने बताया कि डॉक्टर पर चाकू से हमला करने वाले आरोपी विग्नेश के खिलाफ सात धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
कलैगनार अस्पताल में डॉक्टर पर हुआ था हमला
इसी तरह की घटना बुधवार को चेन्नई के कलैगनार करुणानिधि जनरल अस्पताल में हुई थी, जिसमें एक डॉक्टर पर मरीज के बेटे ने चाकू से जानलेवा हमला किया था. आरोपी की मां का अस्पताल में इलाज कर रहा था, लेकिन कथित तौर पर इलाज में देरी की वजह से आरोपी की डॉक्टर से बहस हुई थी. इस कारण वह डॉक्टर पर चाकू से हमला कर दिया. फिलहाल डॉक्टर का इलाज चल रहा है.
डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंता
चेन्नई में डॉक्टरों पर हमलों की घटनाओं से स्वास्थ्य सेवा से जुड़े पेशेवरों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और तमिलनाडु मेडिकल काउंसिल ने डॉक्टरों पर हमले की निंदा की है और सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है. उन्होंने अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने, स्वास्थ्य सेवाकर्मियों पर हमला करने वालों के लिए सख्त सजा और हिंसा की घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए डॉक्टरों के लिए हेल्पलाइन की मांग की है.
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