प्रकाशम: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में एक बेटे के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है, जिसने अपनी जिम्मेदारियों की अनदेखी की और अपनी मां को परेशान किया. अदालत के आदेश के बाद अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और बेटे को घर से बेदखल कर दिया गया और घर की चाबी उसकी मां को सौंप दी गई.
मामला प्रकाशम जिले के दरसी कब्जे का है. स्थानीय तहसीलदार श्रवण कुमार के अनुसार, वी. लक्ष्मी बाई और उनके पति वेंकटेश्वर नायक ने दरसी कस्बे में 1990 में सरकारी आवंटित जमीन और वित्तीय सहायता से एक घर बनाया था. जबकि बुजुर्ग दंपती के बड़े बेटे श्रीनिवास नायक शिक्षक हैं और कहीं और रहते हैं. दंपती का छोटा बेटा हनुमंतु नायक उनके साथ रहता था, जो ऑटो रिक्शा चलाता है.
तहसीलदार ने बताया कि 2021 में वेंकटेश्वर नायक के निधन के बाद, लक्ष्मी बाई ने आरोप लगाया कि हनुमंतु नायक उनकी देखभाल नहीं कर रहा है और उनका भरण-पोषण भी नहीं कर रहा है. उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से हस्तक्षेप की मांग की, लेकिन कलेक्टर से आदेश मिलने के बाद भी हनुमंतु नायक ने उनकी देखभाल और भरण-पोषण करने से इनकार कर दिया.