आंखें नोच लेने वाला सांप (ETV Bharat) बगहा : भारत में सांपों की तकरीबन 300 प्रजातियां हैं. इन्हीं में से एक वंश है 'अहैतुल्ला'. इस सांप की 20 प्रजातियां देखने को मिलती थीं लेकिन सांपों की दुनिया में एक नए सांप की एंट्री हुई है जिसका नाम है 'अहैतुल्ला लोंगीरोस्ट्रिस'. ये अनोखा सांप भारत के अलावा विश्व में शायद कहीं नहीं पाया जाता है.
अहैतुल्ला लोंगीरोस्ट्रिस (Photo Credit- Saurabh Verma VTR) 'लोंगीरोस्ट्रिस' अहैतुल्ला लौंडकिया की 21 वीं प्रजाति : दरअसल, 16 दिसंबर 2021 में वाल्मिकी टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल-2 के तहत गोनौली वन रेंज में वन विभाग के बायोलॉजिस्ट को मृत अवस्था में एक 'अहैतुल्ला लोंगीरोस्ट्रिस' सांप मिला, जिसके शरीर पर कोई जख्म के निशान नहीं थे. जीवविज्ञानियों को यह सांप कुछ अनोखा लगा, क्योंकि इस सांप की नाक सामान्य रूप से अधिक लंबी थी और उसके थूथन काफी पतले थे, एकदम तीर की तरह.
बेल सांप की नई प्रजाति (Photo Credit- Saurabh Verma VTR) नुकीली नाक वाला सांप: लिहाजा इस सांप की प्रजाति का पता लगाने के लिए सांप के नमूने को एकत्र किया गया और फिर उसके डीएनए का परीक्षण किया गया, जिसमें पता चला कि यह बिल्कुल नई प्रजाति का सांप है. जिसके बाद जीव विज्ञानियों ने इसका नाम 'अहेतुल्ला लोंगीरोस्ट्रिस' रखा. यह खोज 'जर्नल ऑफ एशिया-पैसिफिक बायोडायवर्सिटी' में छपी है. जिसके बाद इस सांप की काफी चर्चा हो रही है.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat) अहैतुल्ला प्रजाति का 'आंख नोचने वाला' सांप: वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के बायोलॉजिस्ट सौरव वर्मा बताते हैं कि 16 दिसंबर 2021 को वाल्मीकीनगर थाना के गोनौली गांव से एक सांप का रेस्क्यू करने की खबर आई थी. जब मैं और मेरे सहकर्मी सोहम पाटेकर मौके पर पहुंचे तो वह सांप मृत मिला. जिसके बाद उसे दफनाने के लिए हमलोग गोनौली रेंज ऑफिस पहुंचे. यहां ध्यान से देखने पर पता चला की यह अन्य अहैतुल्ला (vine snakes) की प्रजाति से अलग है. क्योंकि इसके शरीर पर एक मोटा और विशेष प्रकार का कीलदार स्केल्स था.
''इसकी नाक अन्य अहैतुल्ला वंश के सांपों की तुलना में कुछ ज्यादा लंबी और नुकीली थी. जिसके बाद हमलोगों ने इस पर अध्ययन करना शुरू किया और अपने सीनियर जिशान मिर्जा से संपर्क किया. उसके बाद इसका डीएनए टेस्ट हुआ और फिर यह एक अलग प्रजाति का सांप निकला. उसके बाद जब भी जंगल क्षेत्र में जाता था तो नजर रखता था कि दोबारा यह सांप दिखे और कुछ दिनों बाद इस सांप को देखा भी और उसकी तस्वीर भी लिया.''- सौरव वर्मा, बायोलॉजिस्ट, VTR
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat) वीटीआर में मिला एक अनोखा सांप: ऐसे में पूरे विश्व में अहतुल्ला वंश के 20 प्रजातियों के बाद 21 वीं प्रजाति के रूप में सामने आया है, जो वीटीआर के लिए काफी गौरव की बात है. वहीं नेचर एनवायरमेंट एंड वाइल्डलाइफ सोसायटी (NEWS) के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक इस सांप के बारे में रिसर्च करने वाले दोनों जीव वैज्ञानिकों की तारीफ करते हुए कहते हैं कि मैं भी 15 वर्षों से सांपों के बारे में स्टडी कर रहा हूं. इस नई प्रजाति के Long snouted vine snake का मिलना बिहार के वाल्मिकी टाइगर रिजर्व और भारत के लिए खुशी की बात है.
''इस प्रजाति का सांप अभी पूरे विश्व में कहीं भी चिन्हित नहीं हुआ है. उन्होंने कहा की अहेतुल्ला वंश अंतर्गत सांपों की 20 प्रजातियां ज्ञात थीं. ये सभी प्रजातियां कोलुब्रिडे परिवार और कोर्डेटा समूह के अन्तर्गत आते हैं. इन्हें हरी बेल सांप या लंबी नाक वाला सांप कहा जाता है. इसका शरीर काफी पतला और नाक लंबी होती है. यह सामान्यतः हरे और भूरे रंग का होता है, जबकि इसका पेट नारंगी व भूरे रंग का पाया जाता है.''- अभिषेक, प्रोजेक्ट मैनेजर, नेचर एनवायरमेंट एंड वाइल्डलाइफ सोसायटी (NEWS)
पेड़ पर रहता है ये सांप : यह अमूमन दिन के समय पेड़ पर रहने वाला एक ऐसा सांप है. जो जहरीला नहीं होता. यह आमतौर पर एशियाई बेल सांप की नई प्रजाति या एशियाई व्हिप सांप के रूप में जाना जाता है. इसके लंबे नाक की वजह से हीं इसे Long snouted vine snake कहा जाता है. यह छोटे-छोटे कीट मकोड़ों को खाता है. साथ ही चिड़िया के अंडों, मेढक इत्यादि को अपना निवाला बनाता है. बता दें कि अहेतुल्ला श्रीलंकाई सिंहली शब्द के अहैतुल्ला/अहाता गुल्ला/अस गुल्ला से आया है. जिसका अर्थ है 'आंख निकालने वाला' या 'आंख नोचने वाला'.
लंबी नाक वाला दुर्लभ सांप (Photo Credit- Saurabh Verma VTR) आंख निकालने वाला सांप होते हैं?: अब आप सोच रहे होंगे की क्या ये सांप वाकई आंख नोचने वाला है? तो इसके बारे में रिसर्च में शामिल बायोलॉजिस्ट सौरव वर्मा बताते हैं कि इसकी नाक इतनी पतली होती है कि यह तीर जैसा नुकीला प्रतीत होता है. ऐसे में जब यह पेड़ पर लटकता या ग्लाइड करता है तो लोगों के आंख या चेहरे के सामने आ जाता है. लिहाजा इसके बारे में ऐसी भ्रांति सामने आती है. सौरव बताते हैं कि वीटीआर में इसके पूर्व 'अहैतुल्ला लौडकिया' दिखा था जो नॉर्मल वाइन स्नेक था.
वीटीआर में सांप को स्पॉट करने वाले रिसर्चर (ETV Bharat) आखिर क्यों रखा गया यह नाम : इस तरह पूरे भारत में अहैतुल्ला की 15 प्रजातियों में दो प्रजाति के सांप वीटीआर में स्पॉट किए गए हैं. सौरभ बताते हैं की जब यह कन्फर्म हो गया की यह अहैतुल्ला वंश की 21 वीं नई प्रजाति है. तब इसका नाम वाल्मिकी के नाम पर रखना चाहते थे. इसलिए इसका नाम 'अहैतुल्ला वाल्मिकी एंथिस' सोचा था लेकिन चूंकी यह सेम प्रजाति मेघालय में भी मिला था नतीजतन इसकी नाक वाली विशेषता की वजह से इसका नामकरण 'अहैतुल्ला लोंगीरोस्ट्रिस' रखा गया.
बता दें की वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में सांपों की करीब 45 प्रजातियां पाई जाती हैं. जिसमें से एक अहेतुल्ला वंश का सांप पूर्व से हीं शामिल है, जिसे लोग सुग्गा सांप, बेल सांप या Long snouted vine snake अथवा "अहैतुल्ला लौंडकिया"कहते हैं. लेकिन अभी सांप के जिस नई प्रजाति की खोज हुई है, वह इनसे सिर्फ नाक और पेट पर नारंगी या भूरा कलर होने की वजह से भिन्न है. इस प्रजाति के सांप नॉन वेनेमस यानी जहरीले नहीं होते हैं. हालांकि काटने से दर्द, सूजन, चोट और सुन्नता आती है, जो आमतौर पर 72 घंटों के भीतर ठीक हो जाती है. लेकिन फिर भी चिकित्सीय सेवाएं लेनी चाहिए.
ये भी पढ़ें-