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"बीजेपी के साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन नहीं होगा", आगा रूहुल्लाह मेहदी का बयान - Jammu Kashmir Assembly Election

Aga Ruhullah Medhi on J&K Politics: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और श्रीनगर संसदीय सीट से सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने कहा कि चुनावी गणित के आधार पर एनसी भाजपा के साथ सरकार नहीं बनाएगी. उन्होंने कहा कि, उनकी पार्टी अपनी विचारधारा के साथ चलेगी. जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बाद राजनीति किस ओर करवट लेती है, इस पर ईटीवी भारत संवाददाता मीर फरहत ने एनसी के मुख्य प्रचारक आगा रूहुल्लाह मेहदी से खास बातचीत की.

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आगा रूहुल्लाह मेहदी, एनसी सांसद से खास बातचीत (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 26, 2024, 8:32 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव अपने अंतिम चरण में है. इसी बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता और श्रीनगर संसदीय सीट से सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने कहा कि, नेशनल कॉन्फ्रेंस चुनावी गणित के आधार पर भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार नहीं बनाएगी, बल्कि अपनी विचारधारा के साथ प्रतिबद्ध रहेगी.

उन्होंने कहा कि, ऐसा करके उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावनाओं का सम्मान करेगी. इस दौरान ईटीवी भारत ने उनसे कई सवाल किए, जिसका उन्होंने बड़ी बेबाकी से जवाब दिए...

आगा रूहुल्लाह मेहदी, एनसी सांसद से खास बातचीत (ETV BHARAT)

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं, इससे संबंधित एक सवाल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने कहा कि, उन्हें पहले दो चरणों में अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और उन्हें उम्मीद है कि, नेशनल कॉन्फ्रेंस बेहतर प्रदर्शन करेगी. एनसी सांसद ने कहा कि, उन्हें लगता है कि लोग नैरेटिव और उस उद्देश्य से जुड़े हुए हैं जिसके लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रचार कर रही है.

सवाल: अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस को विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलता है, तो यह भारत सरकार या दुनिया को क्या संदेश देगा?

इस सवाल का जवाब देते हुए आगा रूहुल्लाह मेहदी ने कहा कि, "यह भारत के लोगों और दुनिया को संदेश देगा कि जम्मू-कश्मीर के लोग भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के 5 अगस्त, 2019 के फैसलों से खुश नहीं हैं. हमारा जनादेश भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के झूठ का जवाब और उत्तर होगा कि 5 अगस्त, 2019 के फैसले में जम्मू-कश्मीर के लोगों की सहमति और सहमति थी."

इस सवाल पर कि क्या, एक अशक्त विधानसभा में एनसी-कांग्रेस की निर्वाचित सरकार 5 अगस्त, 2019 के निर्णयों के खिलाफ कोई कदम कैसे उठाएगी?

उन्होंने कहा, "विधानसभा लोकतांत्रिक तरीके से दुनिया को बताएगी कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकार छीने गए, विधानसभा का दर्जा घटाया गया और हमारे साथ धोखा किया गया. हमने इस अधिकारहीनता के लिए भारत में विलय नहीं किया था...वे सभी शर्तें और आधार टूट गए हैं, जिन पर हमने हस्ताक्षर किए थे। विधानसभा को अपने अधिकारों और विशेष दर्जे को वापस पाने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष करना होगा. उन्होंने कहा, विधानसभा इस संघर्ष का मंच बनेगी."

इस सवाल पर कि, जब जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार भारत सरकार संसद में निर्णय ले रही है, तो विधानसभा में मौजूद प्रतिनिधि कोई निर्णय या संघर्ष करने में सक्षम या सशक्त कैसे होंगे?

एनसी सांसद ने कहा कि, "एक निर्वाचित विधानसभा उन लोकतांत्रिक अधिकारों और शक्तियों की मांग करने के लिए लोकतांत्रिक मंच होगी. विधानसभा राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है, जिसकी बात कोर्ट ने की है. महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या 5 अगस्त, 2019 के फैसलों में जम्मू-कश्मीर के लोगों की सहमति थी? इसका जवाब विधानसभा में देना सबसे अच्छा होगा. हमने सड़कों पर उतरकर इसका जवाब देने की कोशिश की, लेकिन हमें इसकी इजाजत नहीं दी गई. हम कोई हिंसक तरीका नहीं अपनाएंगे, क्योंकि हम हिंसा के खिलाफ हैं। विधानसभा हमसे छीने गए लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग के लिए संघर्ष की प्रक्रिया शुरू करेगी."

ईटीवी भारत ने एनसी सांसद से सवाल किया, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला समेत नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी, इंजीनियर राशिद के उम्मीदवारों समेत अन्य पार्टियों पर एजेंट और प्रॉक्सी होने का आरोप क्यों लगा रहे हैं, जो नेशनल कॉन्फ्रेंस के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं?

आगा रूहुल्लाह मेहदी ने कहा, "लोकतंत्र में हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है. हम चुनाव में उनकी भागीदारी पर सवाल नहीं उठा रहे हैं, बल्कि विचारधारा और नीति पर सवाल उठा रहे हैं। आपकी विचारधारा और नीति क्या है, जिस पर आप चुनाव लड़ रहे हैं? संसदीय चुनाव में कुछ पार्टियों ने खुद कहा कि वे भाजपा के सहयोगी हैं. इंजीनियर राशिद और अन्य निर्दलीय लोगों के वोट और आवाज को बांटेंगे."

ईटीवी भारत ने सवाल पूछा... तो नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पीडीपी के साथ पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के रूप में चुनाव क्यों नहीं लड़ा?

इस सवाल का जवाब देते हए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा, पीडीपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और उसके संस्थापक दिवंगत शेख अब्दुल्ला को निशाना बनाना शुरू कर दिया. नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से भी प्रतिक्रिया आई.. इसलिए पीडीपी ने ऐसा माहौल बनाया, जिससे पीएजीडी को मजबूती नहीं मिली." उन्होंने आगे कहा, जिला विकास परिषद चुनाव के बाद उनके भाषण और विवाद शुरू हो गए. एनसी नेता ने कहा, पीएजीडी का गठन सीट बंटवारे के लिए नहीं, बल्कि बड़े उद्देश्य के लिए किया गया था. ऐसा कहने के बाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस अभी भी काम कर रही है और उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम करेगी.

इस सवाल पर कि, अगर विधानसभा चुनाव में मतदाताओं द्वारा त्रिशंकु जनादेश दिया जाता है, तो क्या एनसी भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन सरकार बनाएगी?

उन्होंने कहा, भाजपा के साथ गठबंधन सरकार बनाना अपमान होगा. भाजपा के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा. यह मेरी निजी राय है, पार्टी की राय है और पार्टी जानती है, लोग भी जानते हैं कि, अगर पार्टी की तरफ से ऐसा कोई निर्णय लिया जाता है तो उसे जनता की भावनाओं के साथ एक मजाक समझा जाएगा. उन्होंने कहा कि, अगर ऐसा होगा तो वे पार्टी के निर्णय के खिलाफ रहेंगे. लेकिन लोगों को आश्वस्त रहना चाहिए कि एनसी को लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और इन भावनाओं का प्रवक्ता होना चाहिए.

उन्होंने यह भी कहा कि, चुनावी अंकगणित भाजपा के साथ गठबंधन करने का कोई तर्क नहीं है जैसा कि 2014 में पीडीपी ने दिया था. उन्होंने कहा, अंकगणित सरकार बनाने का कारण नहीं होना चाहिए.

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