भागलपुर: कंप्यूटर के आविष्कार ने दुनिया को पूरी तरह से बदल दिया है. आजकल युद्ध तकनीकी के माध्यम से लड़े जा रहे हैं, न कि सिर्फ हथियारों से. इस तकनीकी दुनिया में एक से बढ़कर एक हैकर हैं, जिनमें से एक है जोनाथन जेम्स, जिसे 'कामरेड' के नाम से जाना जाता है. महज 15 साल की उम्र में उसने अमेरिकी सरकार को चुनौती दी थी. उसी तरह, बिहार में भी 20 वर्षीय मयंक ने एथिकल हैकिंग से सबको हैरान कर दिया है.
मयंक के एथिकल हैकिंग से पर्दाफाश : भागलपुर के एक छोटे से कमरे में 20 वर्षीय मयंक ने एथिकल हैकिंग के जरिए नासा, गूगल, फोन पे जैसी कंपनियों और बिहार सरकार के डिजिटल विभाग को चौंका दिया है. उसने बिहार सरकार की वेबसाइट को हैक किया और कई संस्थाओं की वेबसाइट में छिपी गलतियों को उजागर किया, जिससे सुधार हुआ. मयंक ने डिजिटल दुनिया में अपनी पहचान बनाई.
मयंक की पहचान और संघर्ष की कहानी : मयंक को 'साइबर वाला' के नाम से जाना जाता है. कुछ साल पहले तक उसके पास खुद का कंप्यूटर नहीं था, लेकिन अब वह एथिकल हैकिंग के जरिए बड़ा नाम बन चुका है. उसने नासा, गूगल जैसी कंपनियों को उनकी वेबसाइट की गलतियों के बारे में बताया और उन्हें सुधारा. गूगल ने मयंक को लैपटॉप और गिफ्ट्स भेजे, जबकि फोन पे ने उसे 'हॉल ऑफ फेम' में शामिल किया.