लखनऊः कांग्रेस पार्टी ने लगातार पार्टी विरोधी बयानबाजी करने के आरोप में आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) को तत्काल प्रभाव से 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की तरफ से आचार्य प्रमोद कृष्णम द्वारा लगातार पार्टी के खिलाफ बार-बार बयानबाजी करने पर इन्हें पार्टी से निष्कासित करने का प्रस्ताव केंद्रीय कमेटी को भेजा था. इसके बाद पार्टी के महासचिव किसी वेणुगोपाल ने शनिवार को अचार प्रमोद कृष्णम को पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया है.
आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस से छह साल के लिए निष्कासित, पीएम मोदी को कल्कि धाम आने का दिया था न्यौता - पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम मोदी को कल्कि धाम आने का न्यौता देने और पार्टी विरोधी बयान देने पर आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) को कांग्रेस ने छह साल के लिए निष्काषित कर दिया है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Feb 11, 2024, 6:45 AM IST
|Updated : Feb 11, 2024, 7:44 AM IST
ज्ञात हो कि कल्कि धाम की पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उन्हें 19 जनवरी को कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह का आमंत्रण दिया था. इसके अलावा वह लगातार कांग्रेस पार्टी के झंडे से हटकर पार्टी के खिलाफ अपनी बात खुलकर रख रहे थे.
दो बार कांग्रेस की टिकट पर लड़ चुके हैं लोकसभा का चुनाव
आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस के बड़े नेता हैं. उनका जन्म 4 जनवरी 1965 को उत्तर प्रदेश के संभल के गांव में त्यागी परिवार में हुआ था. कांग्रेस ने इन्हें दो बार लोकसभा का टिकट दिया था. साल 2014 में पार्टी ने इन्हें संभल लोकसभा सीट से और 2019 में लखनऊ लोकसभा लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था. कांग्रेस की राजनीति में खासकर यूपी में कोई ऐसा नेता नहीं है जो मंदिर निर्माण को लेकर लगातार मुखर रहा हो जितना आचार्य प्रमोद कृष्णम रहे है. उन्होंने कई बार ऐसे बयान दिए जिससे पार्टी की स्थिति काफी असहज हो गई. बीते साल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद जब मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी टीम की घोषणा की तो आचार्य प्रमोद कृष्णम को उम्मीद थी राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के करीबी होने के कारण उन्हें कांग्रेस वर्किंग कमेटी में जगह जरूर दिया जाएगा पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें अपनी टीम में जगह नहीं दी. इसके बाद वह कांग्रेस के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले हुए थे. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से लेकर इंडिया गठबंधन में हो रही देरी को भी लेकर अपनी बात मीडिया के सामने रख रहे थे. उनके बयान पार्टी के लाइन से हटके होने के कारण वह लगातार कांग्रेस नेताओं के निशाने पर भी थे पर वह इसकी चिंता किए बिना लगातार पार्टी के विपरीत जाकर बयान दे रहे थे.
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