गुवाहाटी:नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू होते ही इसके विरोध में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने इस कानून पर रोक लगाने की मांग की है.
ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नियमों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन पहले से ही राज्यव्यापी आंदोलन के समानांतर कानूनी लड़ाई लड़ रहा है जो सीएए को असंवैधानिक, सांप्रदायिक और गैर-स्वदेशी और अस्वीकार्य बताकर इसके कार्यान्वयन का विरोध करता है.
एएएसयू और 30 संगठन, जो पहले से ही राज्यव्यापी आंदोलन कर चुके हैं, ने अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए सोमवार को 'सीएए' की प्रतियां जलाईं. आज भी ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन और 30 आदिवासी संगठनों ने सीएए के विरोध में राज्य भर में रैलियां निकाली.
ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के मुख्य सलाहकार समुज्ज्वल कुमार भट्टाचार्य, अध्यक्ष उत्पल सरमा और महासचिव शंकरज्योति बरुआ दिल्ली पहुंचे और शीर्ष अदालत का रुख किया. ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने सीएए मानदंडों पर रोक लगाने की मांग करते हुए अदालत का रुख किया. ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन महासचिव शंकरज्योति बरुआ ने कहा, 'हम पहले ही कह चुके हैं कि हम सड़कों पर संघर्ष जारी रखने के साथ-साथ कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे. सोमवार को जैसे ही सीएए नियम लागू हुए, आज सीएए नियमों पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई.