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नरेंद्र मोदी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग, 4 सीनियर डॉक्टर सस्पेंड - Ragging in Medical College - RAGGING IN MEDICAL COLLEGE

Ragging in Medical College: अहमदाबाद नगर निगम मेडिकल एजुकेशन ट्रस्ट की तरफ से संचालित मणिनगर के नरेंद्र मोदी मेडिकल कॉलेज के 4 वरिष्ठ डॉक्टरों को रैगिंग के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, रैगिंग के दौरान जूनियर डॉक्टरों को भूखा रखा गया और उन्हें मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (Etv Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 24, 2024, 8:08 PM IST

अहमदाबाद:गुजरात के अहमदाबाद नगर निगम के मेडिकल एजुकेशन ट्रस्ट (एएमसी एमईटी) से संचालित मणिनगर के नरेंद्र मोदी मेडिकल कॉलेज के 4 वरिष्ठ डॉक्टरों को रैगिंग के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. आरोप है कि, ये चारों सीनियर डॉक्टर जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट करते थे और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे. रैगिंग के मामले में नरेंद्र मोदी मेडिकल कॉलेज के काउंसिल से शिकायत की गई. जांच के बाद 2 महिला और 2 पुरुष डॉक्टर समेत 4 डॉक्टरों को निलंबित करने का आदेश दिया गया. जिसके बाद अहमदाबाद नगर निगम मेडिकल एजुकेशन ट्रस्ट (एएमसी एमईटी) द्वारा संचालित मणिनगर के नरेंद्र मोदी मेडिकल कॉलेज के 4 वरिष्ठ डॉक्टरों को रैगिंग के आरोप में निलंबित कर दिया गया.

जूनियर डॉक्टरों को भूखा रखा गया
रैगिंग मामले को लेकर सीनियर और जूनियर डॉक्टरों ने जमकर हंगामा किया. खबर के मुताबिक, रैगिंग करने वाले सीनियर डॉक्टर पर आरोप है कि, उन्होंने अपने जूनियर डॉक्टरों को सात दिनों तक बिना खाना-पीना दिए यातनाएं दीं और मानसिक तौर पर उन्हें प्रताड़ित किया गया. उनसे एक ही नुस्खा 700 बार लिखवाया जाता था. जिसके बाद नरेंद्र मोदी मेडिकल कॉलेज काउंसिल से इसकी शिकायत की गई. जांच के बाद 2 महिला और दो पुरुष समेत चार डॉक्टरों को निलंबित करने का आदेश दे दिया गया.

कॉलेज काउंसिल से शिकायत
सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि, मणिनगर के नरेंद्र मोदी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग चल रही थी और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी. इतनी गंभीर घटना के बाद भी अहमदाबाद नगर निगम में उप नगर आयुक्त के पद पर कार्यरत और अस्पताल विभाग के प्रभारी उप नगर आयुक्त रमेश मेरजा ने इस मामले में अधिक जानकारी नहीं दी. पढ़ाई कर रहे बच्चों पर रैगिंग की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने इस मामले पर ज्यादा बात नहीं की. इससे तो साफ पता चलता है कि मामले को कहीं न कहीं दबाने की कोशिश की गई. लेकिन अंत में सच की पूरी घटना सबके सामने आ ही गई.

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