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34 साल पुराने मामले में उपनिरीक्षक सुदामा यादव समेत 3 सिपाहियों को 3 वर्ष कैद की सजा - 34 YEAR OLD CASE IN GHAZIPUR

गाजीपुर में अदालत ने 34 साल पुराने मामले में उपनिरीक्षक सुदामा यादव समेत 3 सिपाहियों को 3 वर्ष कैद की सजा सुनाई.

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गाजीपुर में अदालत ने सुनायी सजा (Photo Credit- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 1, 2025, 8:46 PM IST

गाजीपुर: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वपन आनन्द की अदालत शनिवार को मारपीट के 34 साल पुराने मामले में उपनिरीक्षक सुदामा यादव समेत 3 सिपाहियों को 3 साल के कारावास के साथ ही प्रत्येक पर 26,500 रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया है. साथ-साथ अर्थदंड की राशि से 53 हजार रुपये पीड़ित पक्ष के विधिक उत्तराधिकारी को देने का आदेश दिया. अदालत ने आदेश की एक प्रति जिला मजिस्ट्रेट को भेजने का आदेश दिया है.

अभियोजन के अनुसार इस प्रकार है कि कुबेर नाथ सिंह को रामअवतार सिंह के दरवाजे से तत्कालीन थानाध्यक्ष मरदह एवं अन्य पुलिस कर्मचारियों द्वारा दिनांक 14 अप्रैल 1991 को समय लगभग 10 बजे दिन में इस लिए गिरफ्तार किया गया कि उन्होंने पुलिस के अमर्यादित व्यवहार का विरोध किया था. उन्हें थाने से ले जाते समय दो बार रास्ते में तथा थाने पर अकारण मार कर गंभीर चोटें पहुंचाई गईं.

तत्कालीन थानाध्यक्ष MA काजी एवं उपनिरीक्षक मुन्नी लाल कनौजिया, उपनिरीक्षक सुदामा यादव, मुख्य सिपाही146 इंद्र कुमार दुबे,सिपाही 23 छेदी लाल,सिपाही 185 रामदुलारे, कपिलदेव सिंह, 239 धर्म देव तिवारी, 366 श्यामनारायन, 466 भीम प्रसाद, 277 ईश नारायण लाल आदि ने अपने पद का दुरुपयोग करके पारस नाथ सिंह ,अवधनारायण सिंह से साठ गांठ करके अकारण कुबेर नाथ सिंह को गिरफ्तार करके मारा पीटा.

उनके विरुद्ध फर्जी मुकदमे सोच समझ कर पंजीकृत किये गए और झूठा सबूत तैयार कर उनका फर्जी मुकदमे में चालान कर दिया. वादी हरिकेश सिंह ने उच्चधिकारियों को आवेदन दिया. उच्चधिकारी के आदेश से मुकदमा थाना मरदह में दर्ज हुआ. इसकी विवेचना CB CID ने की और दोषियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया. न्यायालय में आरोपी सुदामा यादव, ईश नारायण, धर्मदेव तिवारी और भीम सेन का विचारण शुरू हुआ. अभियोजन की तरफ से सहायक अभियोजन अधिकारी राजविजय सिंह ने कुल 7 गवाहों को पेश किया.

शनिवार को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने चारों आरोपियों को उपरोक्त सजा सुनाई. आरोपियों ने अपील दाखिल करने के लिए न्यायालय में जमानत अर्जी दी. इस पर न्यायालय ने चारों आरोपियों को जमानत बंध पत्र पर देर शाम रिहा कर दिया.

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