नई दिल्ली: ऐसे समय में जब झारखंड के दुमका जिले में एक स्पेनिश ट्रैवल ब्लॉगर के साथ कथित बलात्कार ने बड़े पैमाने पर हंगामा मचा दिया है, नवीनतम सरकारी आंकड़ों से पता चला कि 2022 में देशभर में विदेशियों के खिलाफ विभिन्न प्रकृति के 147 अपराध हुए. कुल अपराध में से, एक ही वर्ष में विदेशी पर्यटकों और अन्य विदेशी नागरिकों सहित विदेशी नागरिकों के खिलाफ कम से कम 25 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए.
नवीनतम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, पुलिस ने अब तक कुल 11 मामलों का निपटारा कर दिया है, जबकि 14 मामलों की जांच अभी भी करीब 56 प्रतिशत तक लंबित है. 2022 में कम से कम 10 नेपाली महिलाएं, इसके बाद पांच रूसी, अन्य एशियाई देशों, अमेरिका, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया की चार महिलाएं बलात्कार के मामलों की शिकार बनीं.
विभिन्न राज्यों में विदेशी नागरिकों के खिलाफ हुए कुल 147 अपराध मामलों में से, कर्नाटक 28 मामलों के साथ शीर्ष पर है, इसके बाद हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में 21-21 मामले और गोवा और हरियाणा में 16-16 मामले हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक और प्रसिद्ध सुरक्षा विशेषज्ञ प्रकाश सिंह ने कहा कि इस तरह की घटनाएं निश्चित रूप से भारत की छवि खराब करती हैं.
सिंह ने कहा कि 'हां बिल्कुल, इस तरह की घटना हमारे देश के लिए खराब छवि लाती है. इस घटना का न केवल स्पेन में बल्कि अन्य यूरोपीय अखबारों में भी व्यापक प्रचार हो चुका था.' सिंह ने इस तरह की घटना को बिल्कुल शर्मनाक बताते हुए कहा कि 'दोषियों से गहन पूछताछ की जरूरत है.' सिंह के मुताबिक, इस बात पर गहन पूछताछ की जानी चाहिए कि किस वजह से वे इस तरह के अपराध में शामिल हुए और उनकी आदतें क्या हैं.
वे इंटरनेट पर क्या देख रहे थे. क्या उनका इरादा अश्लीलता फैलाने का है? ऐसे मामलों में जांच की धीमी प्रगति के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि 'जांच प्रक्रिया धीमी हो सकती है, लेकिन मैं यह नहीं कहूंगा कि स्थिति हर जगह एक जैसी है. कई मामलों में जांच तत्परता से की जाती है. हालांकि, इसमें सुधार की भी गुंजाइश है.'
सिंह ने कहा कि 'हमें यह जानने की ज़रूरत है कि उन्हें क्या प्रेरित कर रहा है. उनके मन में ऐसे विचार क्यों आते हैं कि औरत तो बस एक मांस का टुकड़ा है और तुम्हें उसे भोगना है. हमें यह जानने की जरूरत है कि मूल्य प्रणाली में गिरावट का कारण क्या है. इन चीजों की गहनता से जांच करने की जरूरत है.'
जब सिंह से इस तरह के खतरे से लड़ने के लिए निर्भया योजना जैसी सरकार की पहल के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इस कदम की सराहना की, लेकिन कहा कि इन दिनों बहुत अधिक अश्लील साहित्य उपलब्ध है. सिंह ने कहा कि 'एक बार जब कोई इन (अश्लील साहित्य) चीजों को देखता है, तो यह सोचने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है. और तो और अब तो ओटीटी प्लेटफॉर्म आ गए हैं, जिसमें बहुत ज्यादा अश्लीलता है.'