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फिर से शुरू हुई बारिश और बर्फबारी, प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार करने में हो रही दिक्कत - उत्तरकाशी में मौसम

रविवार को चटक धूप के बाद सोमवार को उत्तरकाशी में मौसम ने एक बार फिर करवट बदल दी है. सुबह से ही जनपद मुख्यालय और आसपास के इलाकों में बारिश हो रही है.

उत्तरकाशी में मौसम ने ली करवट.
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Published : Mar 25, 2019, 12:51 PM IST

उत्तरकाशी: जनपद में रविवार को चटक धूप के बाद सोमवार को उत्तरकाशी में मौसम ने एक बार फिर करवट बदल दी है. सुबह से ही जनपद मुख्यालय और आसपास के इलाकों में बारिश हो रही है. वहीं, ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी जारी है. हालांकि हर साल मार्च महीने तक पहाड़ो में गर्मी शुरू हो जाती थी. लेकिन इस बार ठंड लौटकर वापस आ रही है.

उत्तरकाशी में मौसम ने ली करवट.

उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय और आसपास के इलाकों में सुबह से लगातार हल्की बारिश जारी है. वहीं ऊंचाई वाले इलाको में बर्फबारी शुरू हो गई है. जनपद के ऊंचाई वाले इलाके जैसे हर्षिल घाटी, मोरी क्षेत्र और गीड पट्टी के दर्जनो गांव में अभी भी बर्फ जमी हुई है. ऐसे में गांव का संपर्क जिला मुख्यालय और तहसील मुख्यालय से बार-बार टूट रहा है.

वहीं, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मार्च महीने में हो रही बारिश और बर्फबारी प्रत्याशियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. बारिश प्रत्याशियों की जनसभाओं में खलल डाल सकती है. जिससे बारिश के दौरान होने वाली जनसभाओ में राजीनीतिक दलों को भीड़ जुटाने के लिए मसशक्त करनी पड़ सकती है.

उत्तरकाशी: जनपद में रविवार को चटक धूप के बाद सोमवार को उत्तरकाशी में मौसम ने एक बार फिर करवट बदल दी है. सुबह से ही जनपद मुख्यालय और आसपास के इलाकों में बारिश हो रही है. वहीं, ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी जारी है. हालांकि हर साल मार्च महीने तक पहाड़ो में गर्मी शुरू हो जाती थी. लेकिन इस बार ठंड लौटकर वापस आ रही है.

उत्तरकाशी में मौसम ने ली करवट.

उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय और आसपास के इलाकों में सुबह से लगातार हल्की बारिश जारी है. वहीं ऊंचाई वाले इलाको में बर्फबारी शुरू हो गई है. जनपद के ऊंचाई वाले इलाके जैसे हर्षिल घाटी, मोरी क्षेत्र और गीड पट्टी के दर्जनो गांव में अभी भी बर्फ जमी हुई है. ऐसे में गांव का संपर्क जिला मुख्यालय और तहसील मुख्यालय से बार-बार टूट रहा है.

वहीं, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मार्च महीने में हो रही बारिश और बर्फबारी प्रत्याशियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. बारिश प्रत्याशियों की जनसभाओं में खलल डाल सकती है. जिससे बारिश के दौरान होने वाली जनसभाओ में राजीनीतिक दलों को भीड़ जुटाने के लिए मसशक्त करनी पड़ सकती है.

Intro:uttarakashi_vipin negi_weather change in utttarkashi_25march 2019. उत्तरकाशी। जनपद में रविवार को चटक धूप के बाद सोमवार को उत्तरकाशी में मौसम ने एक बार फिर करवट बदल दी है। सुबह से ही जनपद मुख्यालय और आसपास के इलाकों में बारिश शुरू हो गई है। तो वहीं ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गयी है। कोकसभा चुनाव में मार्च माह में हो रही बर्फबारी प्रत्याशियों के लिए किसी चुनोती से कम नहीं है। तो वही बारिश भी जनसभाओं में खलल डाल सकती है। अमूमन इन दिनों पहाड़ो में गर्मी शुरू हो जाती है। लेकिन इस बार ठंड लौट लौट कर वापस आ रहा है।


Body:वीओ-1, उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय और आसपास के इलाकों में सुबह से लगातार हल्की बारिश जारी है। जिससे कि एक बार फिर छाते बाहर निकल आये हैं। वहीं ऊंचाई वाले इलाको में फिर बर्फबारी शुरू हो गयी है। वहीं मार्च माह में हो रही बर्फबारी लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों के लिए चुनोती बना हुआ है। क्योंकि जनपद के ऊंचाई वाले इलाकों हर्षिल घाटी,मोरी के पर्वत क्षेत्र और गीड पट्टी के दर्जनो गांव में अभी भी बर्फ जमी हुई है। ऐसे में अधिक बर्फबारी होने से गांव के संर्पक भी जिला मुख्यालय और तहसील मुख्यालय से बार- बार टूट रहे हैं।


Conclusion:वीओ-2, ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी तो निचले इलाकों में बारिश राजनीतिक दलों के लिये परेशानी खड़ी कर रही है। बारिश के दौरान होने वाली जनसभाओ में राजीनीतिक दलों को भीड़ जुटाने के लिए मसशक्त करनी पड़ सकती है। पीटीसी- विपिन नेगी,रिपोर्ट उत्तरकाशी।
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