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क्षतिग्रस्त नहर की मरम्मत को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन - क्षतिग्रस्त नहर को लेकर प्रदर्शन

बनाड़ी गांव के लोगों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती है, उनका आंदोलन जारी रहेगा.

उत्तरकाशी
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Published : Jun 29, 2020, 8:49 PM IST

उत्तरकाशी: बीते छह साल से भूमि प्रतिकर न मिलने और सड़क निर्माण के दौरान क्षतिग्रस्त नहर की मरम्मत न होने से नाराज बनाड़ी गांव के लोगों ने मोटर मार्ग का निर्माण कार्य रुकवाकर धरना दिया. इस दौरान महिलाओं ने पीएमजीएसवाई के अधिकारियों का घेराव भी किया.

चिन्यालीसौड़ विकासखंड के अंतर्गत आने वाले बनाड़ी गांव के ग्रामीणों ने कहा कि वर्ष 2014-15 में बनाड़ी मोटर मार्ग के निर्माण के दौरान उनके मुख्य सेरा (सिंचाई खेती) की 3 किमी सड़क क्षतिग्रस्त हो गई थी. जिस कारण बीते छह सालों से ग्रामीणों को खेती के लिए पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है.

पढ़ें- क्वारंटाइन पूरा करने के बाद सड़क पर कुछ इस अंदाज में नजर आए हरदा, देखते रह गए लोग

ग्रामीणों ने कहा कि यह उनका मुख्य सेरा है, जहां से ग्रामीणों की खेती से आजीविका चलती थी. लेकिन नहर क्षतिग्रस्त होने के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस बारे में उन्होंने कई संबंधित विभाग के अधिकारियों को अवगत भी कराया, लेकिन किसी ने भी उनकी समस्या पर समाधान नहीं किया. आखिर में अधिकारियों और सरकार पर अपनी आवाज पहुंचाने के लिए महिलाओं ने आंदोलन का रास्ता अपनाया.

महिलाओं ने सड़क निर्माण के दूसरे फेज का कार्य रुकवाकर पीएमजीएसवाई के अधिकारियों का घेराव किया. महिलाओं ने चेतावनी दी है कि जबतक उनकी नहर का निर्माण और भूमि प्रतिकर नहीं मिलता उनका आंदोलन जारी रहेगा. जिस पर पीएमजीएसवाई के अधिकारियों ने ग्रामीणों ने सभी मांगों के समाधान के लिए लिखित आश्ववासन भी दिया.

उत्तरकाशी: बीते छह साल से भूमि प्रतिकर न मिलने और सड़क निर्माण के दौरान क्षतिग्रस्त नहर की मरम्मत न होने से नाराज बनाड़ी गांव के लोगों ने मोटर मार्ग का निर्माण कार्य रुकवाकर धरना दिया. इस दौरान महिलाओं ने पीएमजीएसवाई के अधिकारियों का घेराव भी किया.

चिन्यालीसौड़ विकासखंड के अंतर्गत आने वाले बनाड़ी गांव के ग्रामीणों ने कहा कि वर्ष 2014-15 में बनाड़ी मोटर मार्ग के निर्माण के दौरान उनके मुख्य सेरा (सिंचाई खेती) की 3 किमी सड़क क्षतिग्रस्त हो गई थी. जिस कारण बीते छह सालों से ग्रामीणों को खेती के लिए पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है.

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ग्रामीणों ने कहा कि यह उनका मुख्य सेरा है, जहां से ग्रामीणों की खेती से आजीविका चलती थी. लेकिन नहर क्षतिग्रस्त होने के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस बारे में उन्होंने कई संबंधित विभाग के अधिकारियों को अवगत भी कराया, लेकिन किसी ने भी उनकी समस्या पर समाधान नहीं किया. आखिर में अधिकारियों और सरकार पर अपनी आवाज पहुंचाने के लिए महिलाओं ने आंदोलन का रास्ता अपनाया.

महिलाओं ने सड़क निर्माण के दूसरे फेज का कार्य रुकवाकर पीएमजीएसवाई के अधिकारियों का घेराव किया. महिलाओं ने चेतावनी दी है कि जबतक उनकी नहर का निर्माण और भूमि प्रतिकर नहीं मिलता उनका आंदोलन जारी रहेगा. जिस पर पीएमजीएसवाई के अधिकारियों ने ग्रामीणों ने सभी मांगों के समाधान के लिए लिखित आश्ववासन भी दिया.

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