उत्तरकाशीः भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ने से जिला मुख्यालय से महज 5 किमी की दूरी पर स्थित स्यूणा गांव का पैदल मार्ग डूब चुका है. जिसे लेकर ग्रामीण परेशान है. ऐसे में ग्रामीणों ने सड़क और पैदल मार्ग न होने के चलते इस स्थान पर झूला पुल बनाए जाने की मांग की, लेकिन शासन-प्रशासन उनकी इस मांग को अनसुना करता आ रहा है. लिहाजा, ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पखडंडी से सफर करने को मजबूर हैं.
बता दें कि जिला मुख्यालय से स्यूणा गांव को जोड़ने वाला एक अदद पैदल मार्ग भी नदी की भेंट चढ़ गया है. आलम ये है कि ग्रामीण पहाड़ से बनी पगडंडी पर जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं. शासन-प्रशासन से ग्रामीण लंबे समय से यहां झूला पुल बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही. गांव की महिलाओं का कहना है कि पशुओं की तरह ही उन्हें पगडंडियों के जरिए सफर करना पड़ रहा है. जबकि, कई बार इस रास्ते पर ग्रामीण चोटिल हो चुके हैं.
ग्रामीणों का आरोप है कि शासन-प्रशासन से उन्हें मार्ग और झूलापुल के नाम महज आश्वासन ही मिला है. ऐसे में लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं. उनका कहना है कि अब उन्होंने ये उम्मीद छोड़ भी दी है कि कभी उनके गांव में झूला पुल या सड़क का निर्माण होगा.