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महिलाएं जान हथेली पर रखकर रोजाना करती हैं भागीरथी नदी पार, सरकार नहीं सुनती फरियाद

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस प्रकार खेती के लिए भटवाड़ी ब्लॉक के दिलसौड़ और चामकोट की महिलाओं को हर दिन जान जोखिम में डालकर भागीरथी नदी को पार करना पड़ता है. जिला मुख्यालय से महज 6 किमी की दूरी पर स्थित गांवों के लिए सड़क बनना तो दूर, एक अदद पुल तक नहीं बन पाया है.

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Published : Aug 15, 2019, 4:13 PM IST

Updated : Aug 15, 2019, 7:17 PM IST

महिलाएं जान हथेली पर रखकर रोजाना करती हैं भागीरथी नदी पार.

उत्तरकाशी: प्रदेश की डबल इंजन सरकार महिलाओं के कई प्रकार की योजनाएं चला रही है, लेकिन उसके बाद भी पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं आ रहा है. वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाएं अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए रोजाना मौत से दो-दो हाथ करती दिखाई देती हैं. जिनसे लड़ना अब महिलाओं की नीयति बन गई है. ऐसी ही एक तस्वीर से आपको रूबरू कराते हैं जिसे देख आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे.

महिलाएं जान हथेली पर रखकर रोजाना करती हैं भागीरथी नदी पार.

गौर हो कि वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस प्रकार खेती के लिए भटवाड़ी ब्लॉक के दिलसौड़ और चामकोट की महिलाओं को हर दिन जान जोखिम में डालकर भागीरथी नदी को पार करना पड़ता है. जिला मुख्यालय से महज 6 किमी की दूरी पर स्थित दिलसौड़ चामकोट गांव के लिए सड़क बनना तो दूर,एक अदद पुल भी नहीं बन पाई है. सरकार की इस बेरुखी के चलते आज भी पहाड़ की महिलाओं को रोज जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है. आजकल भागीरथी नदी पूरे उफान पर है, जिस कारण दिलसौड़ और चामकोट के बीच का पैदल मार्ग भागीरथी में डूब गया है.

पढ़ें-उत्तराखंड में रोजाना सड़क हादसे में होती हैं 4 लोगों की मौत, अब RTO उठाने जा रहा ये बड़ा कदम

जिस कारण गांव की महिलाओं को खेती के लिए आए दिन एक गांव से दूसरे गांव जाना होता है. हर रोज महिलाएं इसी प्रकार जान जोखिम में डालकर भागीरथी को पार कर आवाजाही करती हैं. वहीं, ग्राम प्रधान दिलसौड़ विजयपाल महर का कहना है कि सड़क और पुल निर्माण की मांग को लेकर धरना- प्रदर्शन भी किया गया. लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिस कारण महिलाओं को जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है. ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

उत्तरकाशी: प्रदेश की डबल इंजन सरकार महिलाओं के कई प्रकार की योजनाएं चला रही है, लेकिन उसके बाद भी पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं आ रहा है. वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाएं अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए रोजाना मौत से दो-दो हाथ करती दिखाई देती हैं. जिनसे लड़ना अब महिलाओं की नीयति बन गई है. ऐसी ही एक तस्वीर से आपको रूबरू कराते हैं जिसे देख आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे.

महिलाएं जान हथेली पर रखकर रोजाना करती हैं भागीरथी नदी पार.

गौर हो कि वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस प्रकार खेती के लिए भटवाड़ी ब्लॉक के दिलसौड़ और चामकोट की महिलाओं को हर दिन जान जोखिम में डालकर भागीरथी नदी को पार करना पड़ता है. जिला मुख्यालय से महज 6 किमी की दूरी पर स्थित दिलसौड़ चामकोट गांव के लिए सड़क बनना तो दूर,एक अदद पुल भी नहीं बन पाई है. सरकार की इस बेरुखी के चलते आज भी पहाड़ की महिलाओं को रोज जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है. आजकल भागीरथी नदी पूरे उफान पर है, जिस कारण दिलसौड़ और चामकोट के बीच का पैदल मार्ग भागीरथी में डूब गया है.

पढ़ें-उत्तराखंड में रोजाना सड़क हादसे में होती हैं 4 लोगों की मौत, अब RTO उठाने जा रहा ये बड़ा कदम

जिस कारण गांव की महिलाओं को खेती के लिए आए दिन एक गांव से दूसरे गांव जाना होता है. हर रोज महिलाएं इसी प्रकार जान जोखिम में डालकर भागीरथी को पार कर आवाजाही करती हैं. वहीं, ग्राम प्रधान दिलसौड़ विजयपाल महर का कहना है कि सड़क और पुल निर्माण की मांग को लेकर धरना- प्रदर्शन भी किया गया. लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिस कारण महिलाओं को जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है. ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

Intro:भटवाड़ी ब्लॉक के दिलसौड़ और चामकोट की महिलाओं की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आखिर कब तक पहाड़ की पहाड़ की माँ और बहनें जान जोखिम में डालेंगी।
उत्तरकाशी। प्रदेश की डबल इंजन सरकार महिलाओं के कई प्रकार की योजनाएं बना रही है। लेकिन उसके बाद भी पहाड़ो में महिलाएं की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बल्कि हर दिन पहाड़ की माँ और बहनें मौत और जिंदगी की लड़ाई लड़ती हैं। न इन महिलाओं ने कोई माउंटनेरिंग कोर्स किया है और न ही कोई बचाव और खोज। बस अपने परिवार के पालन पोषण के लिए खेती करती हैं यह महिलाएं। etv bharat को मिले exclusive वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस प्रकार इस खेती के लिए भटवाड़ी ब्लॉक की दिलसौड़ और चामकोट कि महिलाओं को हर दिन मौत का मुंह खोले भागीरथी के तेज बहाव को पार करना पड़ता है।Body:वीओ-1, जिला मुख्यालय से महज 6 किमी की दूरी पर स्थित दिलसौड़ चामकोट गांव के लिए सड़क बनना तो दूर,एक अदद पुल भी नहीं बन पाया है। यही कारण है कि सरकार की इस बेरुखी के चलते आज भी पहाड़ की नारी शक्ति अपनी मजबूत इरादों के साथ मौत से भी लड़ती हैं। आजकल भागीरथी अपने उफान पर है। जिस कारण दिलसौड़ और चामकोट के बीच का पैदल मार्ग भागीरथी में डूब गया है। जिस कारण गांव की महिलाओं खेती के आय दिन एक गांव से दूसरे गांव जाना होता है। हर रोज यह महिलाएं इसी प्रकार जान जोखिम में डालकर आवाजाही करती हैं। अगर किसी महिला का हल्का सा पैर फिसल जाए। तो भागीरथी के तेज बहाव में कहाँ तक बह जाए। तो किसको भी इसका अंदाजा नहीं है।Conclusion:वीओ-2, दिलसौड़ गांव के युवक राहुल ने etv bharat को फ़ोन पर दी जानकारी में बताया कि अगर दिलसौड़ और चामकोट गांव के लिए सड़क निर्माण समय पर हो जाता। तो आज ग्रामीण महिलाओं को इस प्रकार जान जोखिम में डालकर आवाजाही नहीं करनी पड़ती। वहीं ग्राम प्रधान दिलसौड़ विजयपाल महर का कहना है कि सड़क और पुल निर्माण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन भी किया गया। लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
Last Updated : Aug 15, 2019, 7:17 PM IST
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