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टीजीएमो और यातायात पर्यटन सहकारी संघ सरकार से खफा, अनदेखी का लगाया आरोप

चालक-परिचालकों और बस स्वामियों का कहना है कि इस लॉकडाउन के चलते एक बस को करीब 4 लाख का नुकसान हुआ है. वहीं, प्रदेश सरकार ने 3 माह के टैक्स माफ करने की घोषणा के साथ ही चालक, परिचालकों को एक-एक हजार प्रति व्यक्ति देने की घोषणा की है. जिसे संघ ने धोखा बताया है.

uttarkashi
सरकार से नाराज बस के चालक परिचालक
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Published : Jun 1, 2020, 3:44 PM IST

उत्तरकाशी: लॉकडाउन के चलते कई व्यवसायियों के सामने रोजी- रोटी का संकट पैदा हो गया है. वहीं, पहाड़ों में यातायात की सुविधाएं देने वाली टीजीएमो और यातायात पर्यटन सहकारी संघ के चालक-परिचालक भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं.

टीजीएमो और यातायात पर्यटन सहकारी संघ सरकार से खफा.

गौर हो कि चालक-परिचालकों और बस स्वामियों का कहना है कि इस लॉकडाउन के चलते एक बस को करीब 4 लाख का नुकसान हुआ है. वहीं, प्रदेश सरकार ने 3 माह के टैक्स माफ करने की घोषणा के साथ ही चालक, परिचालकों को एक-एक हजार प्रति व्यक्ति देने की घोषणा की है. जिसे यातायात पर्यटन सहकारी संघ ने कहा कि उनके साथ धोखा है.

संयुक्त रोटेशन यातायात समिति के जिलाध्यक्ष गजपाल सिंह रावत ने बताया कि पूरे पहाड़ में टीजीएमो और यातायात पर्यटन सहकारी संघ की करीब 850 बसें चलती हैं. जोकि हर साल पहाड़ में रूटीन और चारधाम यात्रा के दौरान अपनी सेवाएं देती हैं. आज इनके बस चालक-परिचालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. क्योंकि प्रदेश सरकार की और से यातायात सुविधा से जुड़े लोगों की अनदेखी की गई है. एक बस चालक, परिचालक को प्रति माह 20 हजार रुपए की आय होती है, लेकिन इस लॉकडाउन ने उनकी आजीविका प्रभावित हुई है. उन्होंने आगे कहा कि एक हजार रुपए में किसी चालक और परिचालक का परिवार नहीं पल सकता है.

ये भी पढ़े: यहां जानिए, आज से शुरू हुई रेल यात्राओं के लिए क्या हैं नियम

वर्तमान में अन्य राज्यों और जिलों में रह रहे लोगों को उनको घर तक पहुंचाने के लिए टीजीएमो और यातायात पर्यटन सहकारी संघ की बसों की सेवा ली जा रही है. जिसके एवज में प्रति चालक और परिचालक को प्रदेश सरकार ने 1000 रुपए देने की घोषणा की है, जोकि उनके साथ कुठाराघात है. साथ ही 3 माह का रोड टैक्स माफी की घोषणा की है. वहीं, गजपाल रावत ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार उनकी अनदेखी कर रही है.

उत्तरकाशी: लॉकडाउन के चलते कई व्यवसायियों के सामने रोजी- रोटी का संकट पैदा हो गया है. वहीं, पहाड़ों में यातायात की सुविधाएं देने वाली टीजीएमो और यातायात पर्यटन सहकारी संघ के चालक-परिचालक भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं.

टीजीएमो और यातायात पर्यटन सहकारी संघ सरकार से खफा.

गौर हो कि चालक-परिचालकों और बस स्वामियों का कहना है कि इस लॉकडाउन के चलते एक बस को करीब 4 लाख का नुकसान हुआ है. वहीं, प्रदेश सरकार ने 3 माह के टैक्स माफ करने की घोषणा के साथ ही चालक, परिचालकों को एक-एक हजार प्रति व्यक्ति देने की घोषणा की है. जिसे यातायात पर्यटन सहकारी संघ ने कहा कि उनके साथ धोखा है.

संयुक्त रोटेशन यातायात समिति के जिलाध्यक्ष गजपाल सिंह रावत ने बताया कि पूरे पहाड़ में टीजीएमो और यातायात पर्यटन सहकारी संघ की करीब 850 बसें चलती हैं. जोकि हर साल पहाड़ में रूटीन और चारधाम यात्रा के दौरान अपनी सेवाएं देती हैं. आज इनके बस चालक-परिचालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. क्योंकि प्रदेश सरकार की और से यातायात सुविधा से जुड़े लोगों की अनदेखी की गई है. एक बस चालक, परिचालक को प्रति माह 20 हजार रुपए की आय होती है, लेकिन इस लॉकडाउन ने उनकी आजीविका प्रभावित हुई है. उन्होंने आगे कहा कि एक हजार रुपए में किसी चालक और परिचालक का परिवार नहीं पल सकता है.

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वर्तमान में अन्य राज्यों और जिलों में रह रहे लोगों को उनको घर तक पहुंचाने के लिए टीजीएमो और यातायात पर्यटन सहकारी संघ की बसों की सेवा ली जा रही है. जिसके एवज में प्रति चालक और परिचालक को प्रदेश सरकार ने 1000 रुपए देने की घोषणा की है, जोकि उनके साथ कुठाराघात है. साथ ही 3 माह का रोड टैक्स माफी की घोषणा की है. वहीं, गजपाल रावत ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार उनकी अनदेखी कर रही है.

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