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गर्ल्स हॉस्टल में अव्यवस्थाओं का लगा अंबार, घर जाने को मजबूर हुईं छात्राएं

उत्तरकाशी के नौगांव ब्लॉक में बने छात्रावास में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है. जिस कारण छात्राएं छात्रावास छोड़ने को मजबूर हैं. अभी तक 25 छात्राएं घर जा चुकी हैं.

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Published : Sep 16, 2019, 11:33 AM IST

उत्तरकाशी

उत्तरकाशी: प्रदेश की डबल इंजन सरकार बेटियों की बेहतर पढ़ाई के लिए कई दावे कर रही है. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं, लेकिन इसके उलट दुर्भाग्य है कि धरातल पर कुछ और ही नजर आ रहा है. जनपद के नौगांव ब्लॉक में दुरस्थ क्षेत्र की छात्राओं के लिए बने 100 बेड के छात्रावास में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है. छात्राएं शुद्ध पानी को तरस रही हैं. जिस कारण छात्राओं को त्वचा संबंधी बीमारियों से भी जूझना पड़ रहा है, लेकिन इस ओर कोई भी आलाधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं.

बता दें, साल 2012-13 में नौगांव ब्लॉक के गंगनानी में 100 बेड का एक छात्रावास बनाया गया था. जिससे दूरस्थ गांव की छात्राओं को अच्छी शिक्षा मिले सके, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि छात्राओं को यह शिक्षा कहां से मिलेगी जब उनका स्वास्थ्य ही ठीक नहीं रहेगा. जिस कारण 25 छात्राएं अपने घर चली गई हैं.

गर्ल्स हॉस्टल में अव्यवस्थाओं का अंबार

पढ़ें- पुलिस के हत्थे चढ़े नशे के सौदागर, 70 पेटी अवैध शराब और स्मैक बरामद

वहीं, छात्राओं का कहना है कि बेड पर जो रजाई गद्दे बिछे हैं. वे सालों से नहीं बदले गए हैं. वहीं कोई भी विभागीय अधिकारी भी उनकी सुध लेने नहीं आया है. साथ ही कभी भी छात्रावास में गर्म पानी नहीं मिलता है.

छात्राओं का कहना है कि छात्रावास के लिए बड़ा भवन तो बना दिया गया लेकिन पानी न होने के कारण उन्हें हैंडपंप और प्राकृतिक स्रोतों का सहारा लेना पड़ता है. जिस कारण छात्राएं गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.

उत्तरकाशी: प्रदेश की डबल इंजन सरकार बेटियों की बेहतर पढ़ाई के लिए कई दावे कर रही है. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं, लेकिन इसके उलट दुर्भाग्य है कि धरातल पर कुछ और ही नजर आ रहा है. जनपद के नौगांव ब्लॉक में दुरस्थ क्षेत्र की छात्राओं के लिए बने 100 बेड के छात्रावास में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है. छात्राएं शुद्ध पानी को तरस रही हैं. जिस कारण छात्राओं को त्वचा संबंधी बीमारियों से भी जूझना पड़ रहा है, लेकिन इस ओर कोई भी आलाधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं.

बता दें, साल 2012-13 में नौगांव ब्लॉक के गंगनानी में 100 बेड का एक छात्रावास बनाया गया था. जिससे दूरस्थ गांव की छात्राओं को अच्छी शिक्षा मिले सके, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि छात्राओं को यह शिक्षा कहां से मिलेगी जब उनका स्वास्थ्य ही ठीक नहीं रहेगा. जिस कारण 25 छात्राएं अपने घर चली गई हैं.

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वहीं, छात्राओं का कहना है कि बेड पर जो रजाई गद्दे बिछे हैं. वे सालों से नहीं बदले गए हैं. वहीं कोई भी विभागीय अधिकारी भी उनकी सुध लेने नहीं आया है. साथ ही कभी भी छात्रावास में गर्म पानी नहीं मिलता है.

छात्राओं का कहना है कि छात्रावास के लिए बड़ा भवन तो बना दिया गया लेकिन पानी न होने के कारण उन्हें हैंडपंप और प्राकृतिक स्रोतों का सहारा लेना पड़ता है. जिस कारण छात्राएं गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.

Intro:उत्तरकाशी। प्रदेश की डबल इंजन सरकार बेटियों की पढ़ाई के लिए कई दावे कर रही है। वहीं केंद्र सरकार की और से कई प्रकार की योजनाएं बनाई जा रही हैं। लेकिन इसके उलट दुर्भाग्य है कि ग्राउंड पर कुछ और ही नजर आ रहा है। जनपद के नौगांव ब्लॉक में दुरस्थ क्षेत्र की छात्राओं के लिए बने 100 बेडेड छात्रावास में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा पड़ा है। जिस कारण 25 छात्राएं अपने घर चली गई हैं। साथ ही छात्राओं को शुद्ध पानी के लिए भी तरसना पड़ रहा है। जिस कारण छात्राओं को त्वचा सम्बन्धी बीमारियों से भी जूझना पड़ रहा है। लेकिन इस और कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है। Body:वीओ-1, वर्ष 2012-13 में नौगांव ब्लॉक के गंगनानी में 100 बेडेड छात्रावास बनाया गया था। जिससे कि दूरस्थ गांव की बालिकाओं को अच्छी शिक्षा मिले। लेकिन यह शिक्षा कहाँ से मिलेगी। जब छात्राओं का स्वास्थ्य ही सही नहीं रहेगा। स्वास्थ सम्बन्धी बीमारियों के कारण 25 छात्राएं अपने घर चली गई है। वहीं छात्राओं का कहना है कि बेड पर जो रजाई गद्दे बिछे हैं। तो वह सालों से नहीं बदले गए हैं। वहीं कोई भी विभागीय अधिकारी भी उनकी सुध लेने नहीं आया है। साथ ही कभी भी छात्रावास में गर्म पानी नहीं मिलता है। Conclusion:वीओ-2, छात्राओं का कहना है कि छात्रावास में बड़ा भवन तो बना दिया। लेकिन पानी न होने के कारण उन्हें हैंडपम्प का रुख करना पड़ता है। साथ ही कभी प्राकृतिक स्रोतों का रुख करना पड़ता है। जिस कारण उन्हें गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। पुराने रजाई गद्दों और पानी न होने के कारण कई छात्राएं त्वचा सम्बन्धी बीमारियों से ग्रसित हैं। लेकिन कोई भी स्वास्थ्य सुविधा उनके लिए मुहैया नहीं करवाई गई है। बाइट- छात्रा।
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