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दूरस्थ गांव के राजस्व उपनिरीक्षकों को मिलेंगे सेटेलाइट फोन, आपदा से निपटने के लिए प्रशासन ने कसी कमर

उत्तराकाशी प्रशासन ने उत्तराखंड में बढ़ती आपदाओं की घटना को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी है. खासकर दूरस्थ इलाकों से अप्रिय घटनाओं की जानकारी पाने के लिए प्रशासन ने सेटेलाइट फोन सीमांत क्षेत्रों में देने का फैसला लिया है.

आपदा संभावित उत्तराकाशी के क्षेत्र.
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Published : Jun 25, 2019, 3:32 PM IST

Updated : Jun 25, 2019, 3:44 PM IST

उत्तरकाशी: मानसून आते ही जिला प्रशासन ने बरसात के दौरान आने वाली आपदाओं से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी है. दूरस्थ क्षेत्रों में होने वाली घटनाओं से निपटने के लिए दूर दराज के गांव के राजस्व उपनिरीक्षकों को 28 सेटेलाइट फोन दिए जाएंगे. इससे दूरस्थ इलाकों में घटने वाली अप्रिय घटना की वक्त रहते जानकारी मिलने के साथ ही राहत बचाव कार्य भी जल्दी शुरू करने में मदद मिलेगी.

दूरस्थ गांव के राजस्व उपनिरीक्षकों को मिलेंगे सेटेलाइट फोन.

दरअसल, मानसून सीजन के दौरान उत्तरकाशी के सीमांत क्षेत्रों में संचार सुविधा की कमी के कारण आपदा का पता काफी देरी से चलता है. जिस वजह से जान-माल की काफी ज्यादा हानि होती है. इसलिए इस मानसून सीजन में दूरस्थ गांव के राजस्व उपनिरीक्षकों को सेटेलाइट फोन देने की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही डीएम ने सभी विभागीय अधिकारियों और क्षेत्रों के अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित कर दिया है कि वो मानसून के दौरान अपने क्षेत्रों से कहीं और न जाएं.

पढ़ें- चारधाम हवाई यात्रा में टिकटों की कालाबाजारी पर प्रशासन ने उठाया ये कदम, नहीं चलेगी हेली कंपनियों की मनमानी

आपदा से निपटने की तैयारियों के बारे में बताते हुए डीएम डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि गंगोत्री और यमुनोत्री हाई-वे लैंडस्लाइड एरिया है. इसलिए वहां पर जेसीबी तैनात कर दी गई है. साथ ही संपर्क मार्गों के लिए भी सम्बन्धित अधिकारियों को मार्ग बंद होते ही तुरंत उसे खोलने का कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि अधिकारियों और कर्मचारियों को यह भी निर्देश दिये गए हैं कि किसी भी प्रकार की आपदा और घटना की जानकारी तत्काल कंट्रोल रूम को दी जाए, जिससे कि राहत और बचाव के कार्य समय पर हो सकेगा.

उत्तरकाशी: मानसून आते ही जिला प्रशासन ने बरसात के दौरान आने वाली आपदाओं से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी है. दूरस्थ क्षेत्रों में होने वाली घटनाओं से निपटने के लिए दूर दराज के गांव के राजस्व उपनिरीक्षकों को 28 सेटेलाइट फोन दिए जाएंगे. इससे दूरस्थ इलाकों में घटने वाली अप्रिय घटना की वक्त रहते जानकारी मिलने के साथ ही राहत बचाव कार्य भी जल्दी शुरू करने में मदद मिलेगी.

दूरस्थ गांव के राजस्व उपनिरीक्षकों को मिलेंगे सेटेलाइट फोन.

दरअसल, मानसून सीजन के दौरान उत्तरकाशी के सीमांत क्षेत्रों में संचार सुविधा की कमी के कारण आपदा का पता काफी देरी से चलता है. जिस वजह से जान-माल की काफी ज्यादा हानि होती है. इसलिए इस मानसून सीजन में दूरस्थ गांव के राजस्व उपनिरीक्षकों को सेटेलाइट फोन देने की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही डीएम ने सभी विभागीय अधिकारियों और क्षेत्रों के अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित कर दिया है कि वो मानसून के दौरान अपने क्षेत्रों से कहीं और न जाएं.

पढ़ें- चारधाम हवाई यात्रा में टिकटों की कालाबाजारी पर प्रशासन ने उठाया ये कदम, नहीं चलेगी हेली कंपनियों की मनमानी

आपदा से निपटने की तैयारियों के बारे में बताते हुए डीएम डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि गंगोत्री और यमुनोत्री हाई-वे लैंडस्लाइड एरिया है. इसलिए वहां पर जेसीबी तैनात कर दी गई है. साथ ही संपर्क मार्गों के लिए भी सम्बन्धित अधिकारियों को मार्ग बंद होते ही तुरंत उसे खोलने का कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि अधिकारियों और कर्मचारियों को यह भी निर्देश दिये गए हैं कि किसी भी प्रकार की आपदा और घटना की जानकारी तत्काल कंट्रोल रूम को दी जाए, जिससे कि राहत और बचाव के कार्य समय पर हो सकेगा.

Intro:हेडलाइन- दूरस्थ गांव के राजस्व उपनिरीक्षकों को मिलेंगे सेटेलाइट फोन। उत्तरकाशी। मानसून आते ही जिला प्रशासन ने बरसात के दौरान होने वाली आपदाओं और घटनाओ से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिलाधिकारी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उनकी अनुमति के बिना जनपद मुख्यालय न छोड़े। साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए दूर दराज के गांव के राजस्व उपनिरीक्षकों को 28 सेटेलाइट फोन दिए जाएंगे। जिससे कि दूरस्थ गांव में किसी भी प्रकार की आपदा और घटना की जानकारी समय पर जिला प्रशासन को मिल सके और समय पर राहत बचाव के कार्य कर लोगों की जान बचाई जा सके।


Body:वीओ-1, मानसून सीजन के दौरान जनपद के सीमांत और दूरस्थ क्षेत्रों में संचार सुविधा की कमी के कारण वहां पर होने वाली घटनाओं और आपदा का पता देरी से चलने के कारण अधिक नुकसान होता है। जिसको रोकने के लिए इस बार मानसून सीजन में दूरस्थ गांव के राजस्व उपनिरीक्षकों को सेटेलाइट फ़ोन की व्यवस्था दी जाएगी। जिससे कि समय रहते जिला प्रशासन को दूरस्थ क्षेत्रों में होने वाली घटनाओं का समय पर सूचना मिल सके। साथ ही डीएम ने सभी विभागीय अधिकारियों और क्षेत्रों के अधिकारियों कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि वह मानसून के दौरान अपने क्षेत्रों को न छोड़े।


Conclusion:वीओ-2, डीएम डॉ आशीष चौहान ने कहा कि गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर जहां पर भी लैंडस्लाइड एरिया हैं। वहां पर जेसीबी तैनात कर दी गई है। साथ ही संपर्क मार्गों के लिए भी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह मार्ग बंद होने पर त्वरित कार्यवाही करें। साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि किसी भी प्रकार की आपदा और घटना की जानकारी तत्काल कंट्रोल रूम को दें। जिससे कि राहत और बचाव के कार्य समय पर हो सके। बाईट- डॉ आशीष चौहान,डीएम उत्तरकाशी।
Last Updated : Jun 25, 2019, 3:44 PM IST
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