उत्तरकाशी: पहाड़ों में आज भी स्वास्थ्य सुविधा नहीं सुधरी हैं. जिससे ग्रामीणों को स्वस्थ्य सुविधाओं को लेकर या तो जिला मुख्यालय पर आना पड़ता है य तो सीधे देहरादून जाना पड़ता है. यही हाल चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के दिचली गमरी क्षेत्र का है, जहां एकमात्र एलोपैथिक चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है. यहां चार बेड स्वीकृत हैं, लेकिन हालात ये हैं कि एक बेड पर दो-दो मरीजों का उपचार किया जा रहा है. जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
विकासखंड चिन्यालीसौड़ दिचली गमरी क्षेत्र के एलोपैथिक चिकित्सालय पर 15 गांवों की 10 हजार से अधिक आबादी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए निर्भर हैं, लेकिन चिकित्सालय के हाल कुछ ऐसे हैं कि यह खुद बीमार है. इसकी कोई सुध लेने वाला भी नहीं है. यहां प्रतिदिन लगभग 80 से 90 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी के चलते किसी को भी सही ढंग से इलाज नहीं मिल पाता. अस्पताल में कुल चार बेड स्वीकृत हैं, लेकिन एक बेड पर दो-दो मरीजों को रखना पड़ रहा है.
क्षेत्र के लेागों का कहना है अस्पताल भवन भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है. सरकार न तो अस्पताल भवन का निर्माण कर पा रही है और न ही इलाज के लिए जरुरी उपकरण व सुविधा मुहैया करा रही है. अस्पताल में डॉक्टरों की भी कमी बनी हुई है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने यहां स्वास्थ्य विभाग से जल्द अस्पताल भवन का निर्माण कर डॉक्टरों की उचित व्यवस्था करने की मांग की है. इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.आरसीएस पंवार ने कहा ऐलोपैथिक अस्पताल में चार ही बेड स्वीकृत होते हैं. आजकल वायरल बुखार के प्रकोप के चलते मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण कुछ दिक्कत हो रही है. अस्पताल भवन की स्थिति सुधारने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.