उत्तरकाशी: गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट खुलते ही नेलांग घाटी पर्यटकों से गुलजार होने लगी है. पार्क के गेट खुलते ही पहले दिन पहुंचे दिल्ली के पर्यटकों का दल घाटी की सुंदरता देखकर अभिभूत नजर आए. इस दौरान पर्यटकों को घाटी में भरल (नीली भेड़) का भी दीदार हुआ.
सुंदरता के सैलानी हुए कायल: दिल्ली के पर्यटक दंपति अनूर पांडे व अंजू छाबड़ा और ओमप्रकाश स्थानीय टूर एंड ट्रैकिंग एजेंसी संचालक तिलक सोनी के साथ नेलांग घाटी का दीदार करने पहुंचे थे. जो घाटी की सुंदरता को करीब से देखकर अभिभूत नजर आए. पर्यटक अनूर पांडे ने बताया कि उन्होंने नेलांग घाटी के बारे में बहुत सालों से सुना था. जब उन्हें एक अप्रैल को घाटी के पर्यटकों के लिए खुलने की बात पता चली तो वह यहां पहुंचे. बताया कि वह लेह, लद्दाख, स्पीति व चांगसील तक गए हैं. लेकिन यहां की सुंदरता अतुलनीय है. पर्यटक ओमप्रकाश ने कहा कि उन्होंने दुनियाभर के कई पर्यटक स्थलों का भ्रमण किया है, लेकिन नेलांग घाटी बेहद सुंदर है.
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हिमालय का दीदार करना काफी मनमोहक: स्थानीय टूर एंड ट्रैकिंग एजेंसी संचालक तिलक सोनी ने बताया कि नेलांग घाटी तिब्बती पठार का क्षेत्र है. जिसकी सुंदरता देखने के लिए दिल्ली के पर्यटक हजार किमी दूर लेह, लद्दाख तक जाते हैं. वहीं यहां केवल 500 किमी की दूरी पर देखने को मिल जाती है. घाटी में खड़ी पहाड़ियों के बीच से हिमालय का दीदार करना काफी मनमोहक है. बताया कि कुछ दिन बाद केरल, कर्नाटक व तमिलनाडु के 9 से 10 पर्यटकों का एक अन्य दल यहां पहुंच रहा है. नेलांग घाटी में पर्यटक भैंरोघाटी चेक पोस्ट से नेलांग घाटी में स्थित पहली चेकपोस्ट तक 23 किमी तक ही आवाजाही कर सकते हैं.
इनर लाइन की वजह से लेनी पड़ती है अनुमति: भारत-चीन सीमा से लगी इस घाटी में सुरक्षा कारणों से पर्यटकों को केवल नेलांग चेकपोस्ट तक ही आवाजाही की अनुमति है. इनर लाइन का क्षेत्र होने के चलते विदेशी पर्यटकों को अनुमति नहीं है. यहां पहुंचने के लिए पर्यटकों को 150 रुपए का शुल्क अदा कर प्रशासन से अनुमति लेनी होती है.उप निदेशक गंगोत्री नेशनल पार्क के आरएन पांडे ने बताया कि नेलांग घाटी के प्रति पर्यटकों में आकर्षण बढ़ा है. पिछले साल यहां करीब 400 पर्यटक पहुंचे थे. इस बार रिकॉर्ड संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद है.