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वॉर्डबॉय के भरोसे संचालित हो रहा टिकोची अस्पताल, खतरे में जान! - Uttarkashi Tikocchi Hospital

उत्तरकाशी के टिकोची अस्पताल वॉर्ड बॉय के भरोसे संचालित हो रहा है.

Tikocchi Hospital running under the supervision of ward boy
वॉर्डबॉय के भरोसे चल रहा टिकोची अस्पाल
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Published : Mar 27, 2021, 3:52 PM IST

Updated : Mar 27, 2021, 7:41 PM IST

उत्तरकाशी: सूबे की डबल इंजन सरकार भले ही पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का दावा करती हो, लेकिन स्थिति बिल्कुल उलट है. प्रदेश सरकार के एलोपैथिक अस्पताल वॉर्ड बॉय के भरोसे संचालित किए जा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर भवन का किराया न मिलने पर भी अब दूरस्थ आराकोट-बंगाण क्षेत्र का टिकोची अस्पताल बन्द होने की कगार पर है. हैरान करने वाली बात यह है कि सीएमओ तक को यहां डॉक्टर न होने की सूचना नहीं है.

वॉर्डबॉय के भरोसे संचालित हो रहा टिकोची अस्पताल

अगस्त 2019 में आराकोट-बंगाण क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा ने इस कदर कहर बरपाया की राजकीय एलोपैथिक अस्पताल टिकोची का भवन भी बाढ़ की भेंट चढ़ गया था. उसके बाद एक किराए के भवन में अस्पताल का संचालन शुरू हुआ, लेकिन उसके बाद स्वास्थ्य विभाग इस अस्पताल को भूल गया. स्थानीय लोगों के अनुसार अभी तक भवन का किराया भी नहीं दिया गया है. जिस कारण अस्पताल बंद होने की कगार पर पहुंच गया है.

Tikocchi Hospital running under the supervision of ward boy
वॉर्डबॉय के भरोसे चल रहा टिकोची अस्पाल

पढ़ें- देहरादून में 11 उप निरीक्षकों का ट्रांसफर, ग्रामीण क्षेत्रों में एसओजी का गठन

स्थानीय लोगों का कहना है कि 7 माह से अधिक का समय हो गया है, अस्पताल में न ही डॉक्टर है और न ही फॉर्मासिस्ट. मात्र एक वॉर्ड बॉय के भरोसे अस्पताल संचालित किया जा रहा है. जबकि इस अस्पताल पर करीब 12 गांवों के ग्रामीण निर्भर हैं. वहीं आपदा ग्रसित क्षेत्र में कोई बीमार हो जाता है या किसी प्रकार की आपातकालीन स्थिति बन जाती है. तो फर्स्ट एड देने के लिए भी कोई भी स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी मौजूद नहीं है.

पढ़ें- भू-वैज्ञानिक बोले- चमोली आपदा से सबक लेने की जरूरत, भविष्य के लिए रहें तैयार

सीएमओ डॉ. डीपी जोशी का कहना है कि टिकोची में डॉक्टर न होने के बारे में वो जानकारी ले रहे हैं. साथ ही अस्पताल भवन के लिए धनराशि उपलब्ध हो गई है. जल्द ही अस्पताल का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा.

उत्तरकाशी: सूबे की डबल इंजन सरकार भले ही पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का दावा करती हो, लेकिन स्थिति बिल्कुल उलट है. प्रदेश सरकार के एलोपैथिक अस्पताल वॉर्ड बॉय के भरोसे संचालित किए जा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर भवन का किराया न मिलने पर भी अब दूरस्थ आराकोट-बंगाण क्षेत्र का टिकोची अस्पताल बन्द होने की कगार पर है. हैरान करने वाली बात यह है कि सीएमओ तक को यहां डॉक्टर न होने की सूचना नहीं है.

वॉर्डबॉय के भरोसे संचालित हो रहा टिकोची अस्पताल

अगस्त 2019 में आराकोट-बंगाण क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा ने इस कदर कहर बरपाया की राजकीय एलोपैथिक अस्पताल टिकोची का भवन भी बाढ़ की भेंट चढ़ गया था. उसके बाद एक किराए के भवन में अस्पताल का संचालन शुरू हुआ, लेकिन उसके बाद स्वास्थ्य विभाग इस अस्पताल को भूल गया. स्थानीय लोगों के अनुसार अभी तक भवन का किराया भी नहीं दिया गया है. जिस कारण अस्पताल बंद होने की कगार पर पहुंच गया है.

Tikocchi Hospital running under the supervision of ward boy
वॉर्डबॉय के भरोसे चल रहा टिकोची अस्पाल

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स्थानीय लोगों का कहना है कि 7 माह से अधिक का समय हो गया है, अस्पताल में न ही डॉक्टर है और न ही फॉर्मासिस्ट. मात्र एक वॉर्ड बॉय के भरोसे अस्पताल संचालित किया जा रहा है. जबकि इस अस्पताल पर करीब 12 गांवों के ग्रामीण निर्भर हैं. वहीं आपदा ग्रसित क्षेत्र में कोई बीमार हो जाता है या किसी प्रकार की आपातकालीन स्थिति बन जाती है. तो फर्स्ट एड देने के लिए भी कोई भी स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी मौजूद नहीं है.

पढ़ें- भू-वैज्ञानिक बोले- चमोली आपदा से सबक लेने की जरूरत, भविष्य के लिए रहें तैयार

सीएमओ डॉ. डीपी जोशी का कहना है कि टिकोची में डॉक्टर न होने के बारे में वो जानकारी ले रहे हैं. साथ ही अस्पताल भवन के लिए धनराशि उपलब्ध हो गई है. जल्द ही अस्पताल का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा.

Last Updated : Mar 27, 2021, 7:41 PM IST
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