उत्तरकाशी: विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम में मां गंगा के धरती पर प्रकट दिवस को गंगा सप्तमी के रूप में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विधि विधान से मनाया गया. गंगा सप्तमी के शुभ अवसर पर मां गंगा का विशेष पूजा अर्चना के बाद श्रृंगार किया गया. वहीं अब गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद गंगोत्री धाम में मां गंगा का श्रृंगार रूप के दर्शन होंगे. गंगा सप्तमी से पूर्व तक गंगोत्री धाम में मां गंगा के निर्वाण दर्शन होते हैं.
गंगा सप्तमी के शुभ अवसर पर गंगोत्री धाम के पुरोहितों की ओर से धाम में विधि विधान के साथ गंगा सहस्त्रनाम पाठ सहित गंगा लहरी पाठ और उसके बाद हवन किया गया. साथ ही राजा भागीरथ की भी विशेष पूजा अर्चना की गई. इन सब विधियों के बाद मां गंगा के निर्वाण रूप पर श्रृंगार किया गया.
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गंगोत्री मन्दिर समिति के सचिव दीपक सेमवाल ने कहा कि इस अवसर पर विश्व को कोरोना महामारी से उबारने के लिए मां गंगा की विशेष पूजा अर्चना और हवन किया गया. गंगोत्री धाम मन्दिर समिति के सचिव दीपक सेमवाल ने कहा कि गंगा सप्तमी के दिन ही मां गंगा राजा भागीरथ के कठोर तप के बाद धरती पर अवतरित हुई थी, इसलिए कपाट खुलने से गंगा सप्तमी तक मां गंगा के निर्वाण दर्शन होते हैं. गंगा सप्तमी के बाद धाम में मां गंगा के श्रृंगार दर्शन होते हैं. यह दर्शन गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने तक होते हैं.