उत्तरकाशी: भटवाड़ी ब्लॉक के लौंथरु गांव की सविता कंसवाल का चयन एवरेस्ट मैसिफ अभियान के लिए हुआ है. शुक्रवार को वे आईएमएफ के लिए रवाना हो गई. एवरेस्ट मैसिफ के लिए पूरे भारत में 12 पर्वतारोहियों का चयन हुआ है, जिसमें से एक उत्तरकाशी की सविता कंसवाल एक हैं. सविता एक अप्रैल को आईएमएफ से अपने अभियान के लिए रवाना होगी.
एवरेस्ट मैसिफ अभियान पर जाने से पहले सविता कंसवाल को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानचार्य कर्नल अमित बिष्ट और उत्तरकाशी जिलाधिकारी मयूर दीक्षित समेत सभी ग्रामवासियों ने शुभकामनाएं दी. सविता वर्तमान में निम (नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ) में अतिथि इंस्ट्रक्टर हैं.
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पर्वतारोही सविता कंसवाल ने बताया कि एवरेस्ट मैसिफ में माउंट एवरेस्ट 8848, माउंट ल्होत्से 8516, माउंट नुपसे 7861 और माउंट पुमोरी 7161 मीटर ऊंची चोटियों का एक साथ आरोहण किया जाना है. साल 2019 में 1000 पर्वतारोहियों में से अंतिम 100 पर्वतारोहियों का चयन कर निम और जम्मू स्थित जिम संस्थान में भेजा गया. जिसमें सविता ने माउंट त्रिशूल 7120 मीटर चोटी का आरोहण किया. इस जटिल चयन प्रक्रिया के बाद पूरे देश से अभियान के लिए 12 पर्वतारोहियों का चयन हुआ. जिसमें उत्तराखंड के उत्तरकाशी से सविता और पिथौरागढ़ से मनीष कनसियाल का चयन एवरेस्ट मैसिफ के लिए हुआ है.
पर्वतारोही सविता कंसवाल बहुत ही सामान्य परिवार से हैं और उनके पिता रामकृष्ण कंसवाल खेतीबाड़ी करते हैं. अगर सविता यह कीर्तिमान पूरा करती है तो वह उत्तरकाशी की 12वीं पर्वतारोही होंगी. साथ ही सविता की इस उपलब्धि पर उनकी बचपन की दोस्त मनीषा डिमरी ने उन्हें एक स्वरचित कविता के माध्यम से शुभकामनाएं दी हैं. सविता कंसवाल का कहना है कि आज उनकी मेहनत मंजिल के करीब है.