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गंगा घाटी के बाद अब उत्तरकाशी की यमुना घाटी में महकेगा कश्मीर का केसर

जल्द गंगा घाटी के बाद अब यमुना घाटी (Uttarkashi Yamuna Valley) भी कश्मीर के केसर से महकेगी. उद्यान विभाग (Uttarkashi Horticulture Department) ने यमुना घाटी के राना गांव में काश्तकारों को इसके बीज बांटे हैं. वहीं पिछले साल उद्यान विभाग ने घाटी के सुक्की, झाला, मुखबा, पुराली व जसपुर सहित कुल पांच गांवों के 38 काश्तकारों को केसर के बीज बांटे थे.

Uttarkashi
केसर
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Published : Oct 11, 2022, 1:27 PM IST

उत्तरकाशी: केसर अब सिर्फ कश्मीर में ही नहीं बल्कि उत्तराखंड में भी उगाया जाएगा. उत्तराखंड में केसर की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. जल्द गंगा घाटी के बाद अब यमुना घाटी (Uttarkashi Yamuna Valley) भी कश्मीर के केसर से महकेगी. उद्यान विभाग (Uttarkashi Horticulture Department) ने यमुना घाटी के राना गांव में काश्तकारों को इसके बीज बांटे हैं. इससे उत्साहित होकर विभाग इस साल योजना को गंगा घाटी में विस्तार देने के साथ यमुना घाटी में भी केसर की खेती का परीक्षण करने जा रहा है.

गंगा घाटी के बाद अब यमुना घाटी भी कश्मीर के केसर से महकेगी. उद्यान विभाग ने यमुना घाटी के राना गांव में काश्तकारों को इसके बीज बांटे (uttarkashi saffron cultivation) हैं. गंगा घाटी के निचला टकनौर क्षेत्र के दो व बाड़ागड्डी के एक गांव में भी काश्तकारों को यह बीज दिए गए हैं. कृषि विज्ञान केंद्र चिन्यालीसौड़ (Krishi Vigyan Kendra Chinyalisaur) ने गंगा घाटी के हर्षिल क्षेत्र में केसर की खेती का सफल परीक्षण किया था. यहां पिछले साल उद्यान विभाग ने घाटी के सुक्की, झाला, मुखबा, पुराली व जसपुर सहित कुल पांच गांवों के 38 काश्तकारों को केसर के बीज बांटे थे.
पढ़ें-उत्तराखंड में महकी केसर की खुशबू, पीरूमदारा के किसान की मेहनत रंग लाई

जिन पर एक से डेढ़ माह में फूल खिल गए थे. इससे उत्साहित होकर विभाग इस साल योजना को गंगा घाटी में विस्तार देने के साथ यमुना घाटी में भी केसर की खेती (yamuna valley saffron will be cultivated) का परीक्षण करने जा रहा है. अपर उद्यान अधिकारी डॉ. पूजा उनियाल ने बताया कि गंगाघाटी के निचला टकनौर क्षेत्र के रैथल व पिलंग में 6 तथा बाड़ागड्डी पट्टी के किशनपुर गांव में 2 काश्तकारों को कश्मीर से मंगवाकर केसर के बीज उपलब्ध कराए हैं. साथ ही यमुनाघाटी के राना गांव में दो काश्तकारों और हर्षिल क्षेत्र में केसर का उत्पादन बढ़ाने के लिए 16 काश्तकारों को बीज बांटे हैं. अपर उद्यान अधिकारी ने बताया कि केसर अनुसंधान स्टेशन पंपोर कश्मीर से करीब पांच कुंतल केसर के बीज मंगवाकर यहां वितरित किए हैं.
पढ़ें-युवाओं की किस्मत बदल सकती है उत्तराखंड की केसर

उक्त सभी क्षेत्रों में ठंडी जलवायु होने के चलते यहां केसर की खेती का परीक्षण सफल रहने की उम्मीद है. मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. रजनीश सिंह ने बताया कि गंगा घाटी के हर्षिल क्षेत्र में केसर की खेती का परिणाम अच्छा रहा, जिसके बाद अन्य क्षेत्रों में भी इसके परीक्षण की योजना है. इसी उद्देश्य से गंगा घाटी के अन्य क्षेत्रों के साथ यमुनाघाटी के राना गांव में काश्तकारों को केसर के बीज बांटे गए हैं.

उत्तरकाशी: केसर अब सिर्फ कश्मीर में ही नहीं बल्कि उत्तराखंड में भी उगाया जाएगा. उत्तराखंड में केसर की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. जल्द गंगा घाटी के बाद अब यमुना घाटी (Uttarkashi Yamuna Valley) भी कश्मीर के केसर से महकेगी. उद्यान विभाग (Uttarkashi Horticulture Department) ने यमुना घाटी के राना गांव में काश्तकारों को इसके बीज बांटे हैं. इससे उत्साहित होकर विभाग इस साल योजना को गंगा घाटी में विस्तार देने के साथ यमुना घाटी में भी केसर की खेती का परीक्षण करने जा रहा है.

गंगा घाटी के बाद अब यमुना घाटी भी कश्मीर के केसर से महकेगी. उद्यान विभाग ने यमुना घाटी के राना गांव में काश्तकारों को इसके बीज बांटे (uttarkashi saffron cultivation) हैं. गंगा घाटी के निचला टकनौर क्षेत्र के दो व बाड़ागड्डी के एक गांव में भी काश्तकारों को यह बीज दिए गए हैं. कृषि विज्ञान केंद्र चिन्यालीसौड़ (Krishi Vigyan Kendra Chinyalisaur) ने गंगा घाटी के हर्षिल क्षेत्र में केसर की खेती का सफल परीक्षण किया था. यहां पिछले साल उद्यान विभाग ने घाटी के सुक्की, झाला, मुखबा, पुराली व जसपुर सहित कुल पांच गांवों के 38 काश्तकारों को केसर के बीज बांटे थे.
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जिन पर एक से डेढ़ माह में फूल खिल गए थे. इससे उत्साहित होकर विभाग इस साल योजना को गंगा घाटी में विस्तार देने के साथ यमुना घाटी में भी केसर की खेती (yamuna valley saffron will be cultivated) का परीक्षण करने जा रहा है. अपर उद्यान अधिकारी डॉ. पूजा उनियाल ने बताया कि गंगाघाटी के निचला टकनौर क्षेत्र के रैथल व पिलंग में 6 तथा बाड़ागड्डी पट्टी के किशनपुर गांव में 2 काश्तकारों को कश्मीर से मंगवाकर केसर के बीज उपलब्ध कराए हैं. साथ ही यमुनाघाटी के राना गांव में दो काश्तकारों और हर्षिल क्षेत्र में केसर का उत्पादन बढ़ाने के लिए 16 काश्तकारों को बीज बांटे हैं. अपर उद्यान अधिकारी ने बताया कि केसर अनुसंधान स्टेशन पंपोर कश्मीर से करीब पांच कुंतल केसर के बीज मंगवाकर यहां वितरित किए हैं.
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उक्त सभी क्षेत्रों में ठंडी जलवायु होने के चलते यहां केसर की खेती का परीक्षण सफल रहने की उम्मीद है. मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. रजनीश सिंह ने बताया कि गंगा घाटी के हर्षिल क्षेत्र में केसर की खेती का परिणाम अच्छा रहा, जिसके बाद अन्य क्षेत्रों में भी इसके परीक्षण की योजना है. इसी उद्देश्य से गंगा घाटी के अन्य क्षेत्रों के साथ यमुनाघाटी के राना गांव में काश्तकारों को केसर के बीज बांटे गए हैं.

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