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'जल जीवन मिशन' को लेकर प्रधानों का धरना जारी, ठेकेदारी प्रथा का विरोध

उत्तरकाशी में जल जीवन मिशन के तहत ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ प्रधानों का गुस्सा बढ़ता दिखाई दे रहा है. ग्राम प्रधानों का कहना है कि गांवों को पेयजल योजनाओं से जोड़ने के लिए अगर ठेकेदारों को निर्माण कार्य दिए जाते हैं, तो सरकार को आने वाले चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना होगा. इसके खिलाफ प्रधानों का धरना जारी है.

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'जल- जीवन मीशन' को लेकर प्रधानों ने दिया धरना
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Published : Aug 27, 2020, 1:03 PM IST

उत्तरकाशी: जिला प्रधान संगठन का जल जीवन मिशन के तहत ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ धरना जारी है. ग्राम प्रधानों का कहना है कि गांव को पेयजल योजनाओं से जोड़ने के लिए अगर ठेकेदारी प्रथा में निर्माण कार्य दिए जाते हैं, तो इससे आए दिन ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

'जल जीवन मिशन' का काम ठेकेदारों को देने का विरोध.

पढ़ें- प्रधानों की मांग, सरकार पंचायतों से कराए 'जल-जीवन मिशन' का काम

ग्राम प्रधानों का कहना है कि अगर हर गांव को पानी से जोड़ना है तो इसके लिए स्वजल मॉडल को अपनाया जाए. जिससे कि भविष्य में इन सब पेयजल योजनाओं की जिम्मेदारी ग्राम स्तर पर सही तरीके से निभाई जा सके. जिला प्रधान संगठन का विकास भवन में तीन दिन से धरना जारी है. ग्राम प्रधानों की मांग है कि जल जीवन मिशन योजना से ठेकेदारी प्रथा को समाप्त किया जाए. इस कार्य को स्वजल मॉडल के तहत ग्राम समितियों को दिया जाए, जिससे कि पूरे गांव को इसका लाभ मिल सके. प्रधानों का कहना है कि अभी तहसील स्तर पर धरना चल रहा है. जल्द ही परेड ग्राउंड देहरादून में धरना दिया जाएगा.

प्रदेश प्रधान संगठन के महामंत्री प्रताप रावत का कहना है कि प्रधानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से भी इस सम्बंध में वार्ता की थी. लेकिन मुख्यमंत्री अपनी जिद पर अड़े हुए हैं, रावत ने कहा कि अगर उनकी मांग पर अमल नहीं होता है, तो आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

उत्तरकाशी: जिला प्रधान संगठन का जल जीवन मिशन के तहत ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ धरना जारी है. ग्राम प्रधानों का कहना है कि गांव को पेयजल योजनाओं से जोड़ने के लिए अगर ठेकेदारी प्रथा में निर्माण कार्य दिए जाते हैं, तो इससे आए दिन ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

'जल जीवन मिशन' का काम ठेकेदारों को देने का विरोध.

पढ़ें- प्रधानों की मांग, सरकार पंचायतों से कराए 'जल-जीवन मिशन' का काम

ग्राम प्रधानों का कहना है कि अगर हर गांव को पानी से जोड़ना है तो इसके लिए स्वजल मॉडल को अपनाया जाए. जिससे कि भविष्य में इन सब पेयजल योजनाओं की जिम्मेदारी ग्राम स्तर पर सही तरीके से निभाई जा सके. जिला प्रधान संगठन का विकास भवन में तीन दिन से धरना जारी है. ग्राम प्रधानों की मांग है कि जल जीवन मिशन योजना से ठेकेदारी प्रथा को समाप्त किया जाए. इस कार्य को स्वजल मॉडल के तहत ग्राम समितियों को दिया जाए, जिससे कि पूरे गांव को इसका लाभ मिल सके. प्रधानों का कहना है कि अभी तहसील स्तर पर धरना चल रहा है. जल्द ही परेड ग्राउंड देहरादून में धरना दिया जाएगा.

प्रदेश प्रधान संगठन के महामंत्री प्रताप रावत का कहना है कि प्रधानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से भी इस सम्बंध में वार्ता की थी. लेकिन मुख्यमंत्री अपनी जिद पर अड़े हुए हैं, रावत ने कहा कि अगर उनकी मांग पर अमल नहीं होता है, तो आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

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