उत्तरकाशीः यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भूस्खलन आने के बाद यात्रा बीते मंगलवार से बंद है, लेकिन यात्रा की सही जानकारी नहीं मिल पाने के कारण कई लोग यात्रा पर निकल रहे हैं. जहां उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिसे लेकर यात्रियों ने शासन, जिला प्रशासन और पुलिस महकमे पर सवाल खड़े किए है. उनका कहना है कि जब यात्रा बंद है तो सही जानकारी यात्रियों को क्यों नहीं दी जा रही है? गलत जानकारियों के कारण यात्रियों को फजीहत झेलनी पड़ रही है. वहीं, उनका ये भी आरोप है कि यमुनोत्री धाम की यात्रा में प्रशासन और पुलिस की ओर से दो मानकों का प्रयोग किया जा रहा है.
यात्रियों का आरोप है कि जब वो बीती रविवार को यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए जानकीचट्टी पहुंचे तो उन्हें सोमवार को आने को कहा गया. जबकि, उनके बाद 24 यात्रियों को यमुनोत्री धाम जाने दिया गया. आज पहुंचे तो यात्रा बंद होने की बात कही गई. उनका कहना है कि वो सैकड़ों किमी का सफर और पैसा खर्च कर यहां पहुंच रहे हैं, लेकिन कहीं पर भी उन्हें यात्रा बंद होने की जानकारी नहीं दी जा रही है. जिससे उन्हें और अन्य यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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बता दें कि यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भंगेली गाड़ के पास बीते सितंबर महीने से भूस्खलन सक्रिय है. जिसके चलते बीती मंगलवार को जिला प्रशासन ने यमुनोत्री धाम की यात्रा को अग्रिम आदेश तक रोक दी थी. क्योंकि, इसी महीने भी दो बार भूस्खलन होने के कारण यात्री और स्थानीय लोग बाल-बाल बचे थे. एसपी पंकज भट्ट ने कहा कि एसडीएम ने डीएफओ के लिए अनुमति दी थी. मंगलवार से यमुनोत्री धाम की आवाजाही के लिए जिलाधिकारी और एसपी के आदेश पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.