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उत्तराखंडः हाईकोर्ट के आदेश के बाद बदली पंचायत चुनाव की फिजा, उम्मीदवारों के चेहरे खिले

पंचायत चुनाव को लेकर राज्य सरकार का विधेयक खारिज होने के बाद एकाएक राज्य की राजनीति में नाटकीय मोड़ आ गया है. चुनावों के समीकरण बदल गए.

पंचायत चुनाव
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Published : Sep 20, 2019, 12:55 PM IST

पुरोलाः राज्य में पंचायत चुनावों की सरगर्मियां तेज होती हो गई हैं. नैनीताल हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चों वाले दावेदारों को अयोग्य घोषित करने वाले पंचायती राज संशोधन एक्ट को रद कर दिया है. कोर्ट ने इस संशोधन को लागू करने की कट ऑफ डेट 25 जुलाई 2019 होगी. जोकि इस तारीख के बाद दो से अधिक बच्चे वाले प्रत्याशी पंचायत चुनाव लड़ने के अयोग्य माने जाएंगे, जबकि 25 जुलाई 2019 से पहले जिसके तीन बच्चे हैं, वह चुनाव लड़ सकते हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के समीकरण बदल गए हैं.

पंचायत चुनाव में आया नाटकीय मोड़.

जहां बड़े-बड़े दिग्गज चुनावों से बाहर हो गए थे, वहीं हाई कोर्ट के आदेश के बाद उनकी उम्मीदों को अब पंख लग गए हैं, तो सरकार के विधेयक की भी खूब किरकिरी हो रही है. न्यायालय के इस फैसले से बाहर हुए दावेदार चुनावी रण में सक्रिय हो गए हैं.

यह भी पढ़ेंः स्टिंग मामलाः हरदा के सर्मथन में आई कांग्रेस, जसपुर विधायक ने कही ये बात

अब तक कई ग्राम पंचायत में क्षेत्र पंचायत सदस्य निर्विरोध घोषित हो गए थे वहां भी समीकरण गड़बड़ाने के पूरे आसार हैं. त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर हाइकोर्ट के आदेश आने के बाद मैदान से बाहर हो चुके उम्मीदवारों के अब उम्मीदों के पंख लग गए, तो वहीं दिग्गजों व उनके परिजनों के मैदान में उतरने से चुनावों के सारे समीकरण ही बदल गए.

जिससे गांवों में बन रहे निर्विरोध प्रतिनिधियों के समीकरण भी बदल गए, जहां पहले कई युवा दावेदार मैदान में ताल ठोक रहे थे.अब इस फैसले के आने के बाद दिग्गज भारी पड़ रहे हैं.

कोर्ट के आदेशों के बाद से गांव, शहर,कस्बों में चुनावी माहौल गर्मा गया है. अब सरकार भी पसोपेश में हैं, वहीं चुनावी पंडित अपना गणित फिर से लगाने मे जुटे हैं. अब देखना ये है कि इस फैसले से चुनावों में कितना असर पड़ता है.

पुरोलाः राज्य में पंचायत चुनावों की सरगर्मियां तेज होती हो गई हैं. नैनीताल हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चों वाले दावेदारों को अयोग्य घोषित करने वाले पंचायती राज संशोधन एक्ट को रद कर दिया है. कोर्ट ने इस संशोधन को लागू करने की कट ऑफ डेट 25 जुलाई 2019 होगी. जोकि इस तारीख के बाद दो से अधिक बच्चे वाले प्रत्याशी पंचायत चुनाव लड़ने के अयोग्य माने जाएंगे, जबकि 25 जुलाई 2019 से पहले जिसके तीन बच्चे हैं, वह चुनाव लड़ सकते हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के समीकरण बदल गए हैं.

पंचायत चुनाव में आया नाटकीय मोड़.

जहां बड़े-बड़े दिग्गज चुनावों से बाहर हो गए थे, वहीं हाई कोर्ट के आदेश के बाद उनकी उम्मीदों को अब पंख लग गए हैं, तो सरकार के विधेयक की भी खूब किरकिरी हो रही है. न्यायालय के इस फैसले से बाहर हुए दावेदार चुनावी रण में सक्रिय हो गए हैं.

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अब तक कई ग्राम पंचायत में क्षेत्र पंचायत सदस्य निर्विरोध घोषित हो गए थे वहां भी समीकरण गड़बड़ाने के पूरे आसार हैं. त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर हाइकोर्ट के आदेश आने के बाद मैदान से बाहर हो चुके उम्मीदवारों के अब उम्मीदों के पंख लग गए, तो वहीं दिग्गजों व उनके परिजनों के मैदान में उतरने से चुनावों के सारे समीकरण ही बदल गए.

जिससे गांवों में बन रहे निर्विरोध प्रतिनिधियों के समीकरण भी बदल गए, जहां पहले कई युवा दावेदार मैदान में ताल ठोक रहे थे.अब इस फैसले के आने के बाद दिग्गज भारी पड़ रहे हैं.

कोर्ट के आदेशों के बाद से गांव, शहर,कस्बों में चुनावी माहौल गर्मा गया है. अब सरकार भी पसोपेश में हैं, वहीं चुनावी पंडित अपना गणित फिर से लगाने मे जुटे हैं. अब देखना ये है कि इस फैसले से चुनावों में कितना असर पड़ता है.

Intro:स्थान-पुरोला एंकर-सरकार के विधेयक को खारिज करते हुऐ दो बचों पर हाइकोर्ट के आदेश के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के समीकरण ही बदल गए ।जहाँ बड़े बड़े दिग्गज चुनावों से बाहर हो गए थे । वहिं हाई कोर्ट के आदेश के बाद उनकी उमीदों को अब पंख लग गए हैं । तो सरकार के विधेयक की भी खुब किरकिरी हो रही है। न्यालय के इस फैसले से बाहर हुए दावेदार चुनावी राण भूमि में सक्रिय हो गए हैं अब तक कई ग्रामपंचायत में प्रधान छेत्र पंचायत सदसयों निर्विरोध घोषित हो गए थे वहाँ भी समीकरण गड़बड़ाने के पूरे आसार हैं


Body:वीओ1- त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर हाइकोर्ट के आदेश आने के बाद मैदान से बाहर हो चुके उमीदवारों के अब उमीदों के पंख लग गए, तो वहिं दिग्गजों व उनके परिजनों के मैदान में उतरने से चुनावों के सारे समीकरण ही बदल गए। जिससे गांवो में बन रहे निर्बिरोध प्रतिनिधियो के समीकरण भी बदल गए। जहां पहले कई युवा दावेदार मैदान में ताल ठोक रहे थे ,अब इस फैसले के आने के बाद दिग्गज भारी लग रहे हैं । बाईट- राजपाल पंवार( प्रतियाशी) बाईट-राजेंद्र गौरोला (प्रतियाशी)


Conclusion:वीओ- कोर्ट के आदेशों के बाद से गॉव, शहर,कस्बों में चुनावी माहौल गरम हो गया तो सरकार भी पसोपेश में हैं। वही चुनावी पण्डित अपनी अपनी गणित फिर से लगाने मे जुटे हैं।अब देखना ये है कि इस फैसले से चुनावों में कितना असर होता हैं।
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