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पुरोला के ओसला गांव भारी भूस्खलन, जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे ग्रामीण

बीते दिनों से हो रही भारी बरसात से मोरी विकासखंड ओसला गांव में भारी भूस्खलन हो रहा है. जिसके चलते गांव तक पहुंचने वाले सभी रास्ते क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. वहीं, ग्रामीणों ने प्रशासन को इस मामले से अवगत कराया है.

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भूस्खलन
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Published : Aug 23, 2020, 3:00 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 7:49 PM IST

पुरोला: पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन और पहाड़ों से बोल्डर गिरने के चलते इन मार्गों पर इनदिनों आवाजाही खतरे से खाली नहीं हैं. ताजा मामला मोरी विकासखंड के ओसला गांव का है. जहां भारी भूस्खलन से रास्ते पूरी तरह तबाह हो चुके हैं. ऐसे में लोगों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है. वहीं, गांव वालों ने बमुश्किल इसकी सूचना प्रशासन दी है.

पुरोला के ओसला गांव भारी भूस्खलन.

मोरी विकासखंड के सीमांत गांव ओसला विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल हर की दून का आखिरी पड़ाव है. यह राज्य का आखिरी गांव है. इन गांव में पहुंचने के लिए सड़क की सुविधा भी नहीं है और न ही संचार की सुविधाएं हैं. बीते दिनों हुई भारी बरसात से गांव पहुंचने की सभी संपर्क मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. जिसकी सूचना स्थानीय लोगों ने दो दिन पैदल चलकर प्रशासन को दी. जिसके बाद प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हुई.

पढ़ें: पाक-चीन को भारत की दो टूक- आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करें

जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत और कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष राजपाल सिंह रावत ने कहा कि, इन गांवों के लोगों को मार्ग न होने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गांव में न ही संचार की सुविधा है और न ही सड़क की. इसके बावजूद कोई भी अधिकारी यहां सुध लेने नहीं आया.

पुरोला: पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन और पहाड़ों से बोल्डर गिरने के चलते इन मार्गों पर इनदिनों आवाजाही खतरे से खाली नहीं हैं. ताजा मामला मोरी विकासखंड के ओसला गांव का है. जहां भारी भूस्खलन से रास्ते पूरी तरह तबाह हो चुके हैं. ऐसे में लोगों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है. वहीं, गांव वालों ने बमुश्किल इसकी सूचना प्रशासन दी है.

पुरोला के ओसला गांव भारी भूस्खलन.

मोरी विकासखंड के सीमांत गांव ओसला विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल हर की दून का आखिरी पड़ाव है. यह राज्य का आखिरी गांव है. इन गांव में पहुंचने के लिए सड़क की सुविधा भी नहीं है और न ही संचार की सुविधाएं हैं. बीते दिनों हुई भारी बरसात से गांव पहुंचने की सभी संपर्क मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. जिसकी सूचना स्थानीय लोगों ने दो दिन पैदल चलकर प्रशासन को दी. जिसके बाद प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हुई.

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जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत और कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष राजपाल सिंह रावत ने कहा कि, इन गांवों के लोगों को मार्ग न होने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गांव में न ही संचार की सुविधा है और न ही सड़क की. इसके बावजूद कोई भी अधिकारी यहां सुध लेने नहीं आया.

Last Updated : Sep 17, 2020, 7:49 PM IST
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