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उत्तरकाशी में दिखा आस्था का भव्य समागम, देवी-देवताओं की डोलियों के साथ निकली कलश यात्रा - देवी देवताओं की डोलियां

उत्तरकाशी में आस्था का भव्य समागम देखने को मिला. इस दौरान सैकड़ों देवी देवताओं की डोलियां कलश यात्रा में पहुंची. कलश यात्रा के बाद विश्व शांति सद्भावना के उद्देश्य से श्रीराम कथा शुरू हुई.

Kalash Yatra in Uttarkashi
उत्तरकाशी में दिखा आस्था का भव्य समागम
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Published : Apr 23, 2022, 7:42 PM IST

उत्तरकाशीः रामलीला मैदान में श्रीराम कथा भव्य कलश यात्रा के साथ शुरू हो गया है. श्रीराम कथा में जिले के विभिन्न गांव से पहुंची सैकड़ों देवी-देवताओं की डोलियों समेत भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा. इस दौरान पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. कलश यात्रा में लोगों ने देवी-देवताओं की आशीर्वाद भी लिया.

बता दें कि शनिवार को श्रीराम कथा के शुरू होने से पूर्व ढ़ोल नगाड़ों के साथ रामलीला मैदान में देवी-देवताओं की डोलियों का पहुंचना शुरू हो गया था. शहर समेत विभिन्न क्षेत्रों से भक्त रामलीला मैदान पहुंचे. जिसके बाद रामलीला मैदान से कलश यात्रा शुरू हुई.

कलश यात्रा हनुमान चौक होते हुए माल घाट रोड, बस अड्डा, कंडार मंदिर चौक, भैरव चौक, विश्वनाथ चौक होते हुए रामलीला मैदान पहुंची. कलश यात्रा में देव डोलियां, महिलाएं, बुजुर्ग एवं युवक-युवतियां शामिल हुए. कलश यात्रा के बाद विश्व शांति सद्भावना के उद्देश्य से श्रीराम कथा शुरू हुई.

उत्तरकाशी में दिखा आस्था का भव्य समागम

ये भी पढ़ेंः शिव-पार्वती विवाह स्थल को पिकनिक स्पॉट बनाने का आरोप, त्रियुगीनारायण के ग्रामीणों ने की ये मांग

अष्टादश पुराण महायज्ञ समिति उत्तरकाशी के तत्वावधान में हो रहे श्रीराम कथा के पहले दिन व्यासपीठ से संत मुरलीधर महाराज ने भगवान राम के चरित्र के बारे में बताया. उन्होंने ने सुंदरकांड की कथा के साथ ही हनुमानजी की भगवान श्रीराम के प्रति अटूट भक्ति की कथा सुनाई.

उन्होंने कहा कि रामकथा को केवल सुनना नहीं बल्कि, उससे मिलने वाली सीख को स्वीकार भी करना चाहिए. गंगा और तीर्थों की रक्षा के लिए धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन आवश्यक है. गंगा के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सभी को आगे आने की आवश्यकता है.

उत्तरकाशीः रामलीला मैदान में श्रीराम कथा भव्य कलश यात्रा के साथ शुरू हो गया है. श्रीराम कथा में जिले के विभिन्न गांव से पहुंची सैकड़ों देवी-देवताओं की डोलियों समेत भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा. इस दौरान पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. कलश यात्रा में लोगों ने देवी-देवताओं की आशीर्वाद भी लिया.

बता दें कि शनिवार को श्रीराम कथा के शुरू होने से पूर्व ढ़ोल नगाड़ों के साथ रामलीला मैदान में देवी-देवताओं की डोलियों का पहुंचना शुरू हो गया था. शहर समेत विभिन्न क्षेत्रों से भक्त रामलीला मैदान पहुंचे. जिसके बाद रामलीला मैदान से कलश यात्रा शुरू हुई.

कलश यात्रा हनुमान चौक होते हुए माल घाट रोड, बस अड्डा, कंडार मंदिर चौक, भैरव चौक, विश्वनाथ चौक होते हुए रामलीला मैदान पहुंची. कलश यात्रा में देव डोलियां, महिलाएं, बुजुर्ग एवं युवक-युवतियां शामिल हुए. कलश यात्रा के बाद विश्व शांति सद्भावना के उद्देश्य से श्रीराम कथा शुरू हुई.

उत्तरकाशी में दिखा आस्था का भव्य समागम

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अष्टादश पुराण महायज्ञ समिति उत्तरकाशी के तत्वावधान में हो रहे श्रीराम कथा के पहले दिन व्यासपीठ से संत मुरलीधर महाराज ने भगवान राम के चरित्र के बारे में बताया. उन्होंने ने सुंदरकांड की कथा के साथ ही हनुमानजी की भगवान श्रीराम के प्रति अटूट भक्ति की कथा सुनाई.

उन्होंने कहा कि रामकथा को केवल सुनना नहीं बल्कि, उससे मिलने वाली सीख को स्वीकार भी करना चाहिए. गंगा और तीर्थों की रक्षा के लिए धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन आवश्यक है. गंगा के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सभी को आगे आने की आवश्यकता है.

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