उत्तरकाशीः प्रसिद्ध गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट रविवार यानी 26 अप्रैल को खोले जाने हैं. मां गंगा की डोली शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हो गई है. इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा कि मां गंगा की डोली बिना श्रद्धालुओं के रवाना हुई. डोली 21 पुरोहित, जिला प्रशासन समेत पुलिस की मौजूदगी में अपने धाम के लिए निकली. मां गंगा जी की डोली और भोगमूर्ति रात्रि विश्राम भैरों घाटी में करेगी. रविवार को डोली गंगोत्री धाम पहुंचेगी.
शनिवार को मां गंगा की डोली दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई. कोरोना संक्रमण की मार इस बार चारधाम यात्रा पर भी देखने को मिली. जिला प्रशासन की अनुमति के बाद ही मां गंगा की मुखबा से गंगोत्री विदाई में मात्र 21 पुरोहित शामिल हुए. एसडीएम देवेंद्र सिंह नेगी के नेतृत्व में प्रशासन और पुलिस की टीम ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करवाया.
ये भी पढ़ेंः जगमग हुआ बदरीनाथ धाम, बीडी सिंह को मिला बदरी-केदार यात्रा का जिम्मा
इतिहास में पहली बार मां गंगा की डोली बिना श्रद्धालुओं के गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई है. इस दौरान मुखबा गांव के लोगों ने भी अपने घरों से ही मां गंगा को धूप दिखाकर विदा किया. ग्रामीणों के लिए ये पल काफी भावुक होता है, लेकिन इस बार ग्रामीण अपनी मां को विदा करने गंगोत्री धाम तक नहीं जा पाए. गंगोत्री धाम मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि मां गंगा की डोली सभी नियमों के पालन के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना हो चुकी है.