उत्तरकाशी: शासन-प्रशासन की ओर से चारधाम यात्रा को पॉलीथिन मुक्त बनाने की बात की गई थी. जिसके तहत सघन अभियान भी चलाए गए थे. लेकिन सरकार के अभियान धरातल पर नहीं उतर सके. यहां तक की यात्रा पड़ावों के बायोमेट्रिक पंजीकरण स्थानों पर डस्टबीन भी नहीं लगाए गए हैं. जिससे यात्री राह चलते कूड़ा फेंकने को मजबूर हैं.
बता दें कि पॉलीथिन के इस्तेमाल को रोकने के लिए शासन-प्रशासन की ओर से कई प्रकार की नियमावली बनाई गई हैं. साथ ही चारधाम यात्रा के रूटों पर भी विशेष अभियान चलाए गए. लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है. चारधाम यात्रा रूटों पर प्रशासन की ओर से डस्टबिन की व्यवस्था नहीं कि गई है. जिसके चलते यात्री पॉलीथिन और अन्य कूड़ा रास्तों पर ही फेंकते नजर आ रहे हैं. वहीं नगर के पार्किंग और बाजार क्षेत्र में रखे डस्टबीन भी कूड़े से भरे हैं. जिनकी सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
स्थानीय निवासी शैलेन्द्र गोदियाल ने बताया कि चारधाम यात्रा रूटों पर हो रहे प्लास्टिक के प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. साथ ही गंगा नदी भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रदूषित हो रही है. सड़कों और नालियों से कूड़ा बह कर गंगा नदी में जा रहा है. जिससे गंगा की स्वच्छ्ता पर सवाल उठ रहे हैं.