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चारधाम यात्रा रूटों पर नहीं दिखता पॉलीथिन मुक्त अभियान का असर, इधर-उधर फेंका जा रहा कूड़ा - forced passenger to throw garbage

चारधाम यात्रा को पॉलीथिन मुक्त बनाने के सरकार के अभियान धरातल पर नहीं उतर सके. यहां तक की यात्रा पड़ावों के बायोमेट्रिक पंजीकरण स्थानों पर डस्टबीन भी नहीं लगाए गए हैं. जिससे यात्री राह चलते कूड़ा फेंकने को मजबूर हैं.

नगर में फैला कूड़े का ढ़ेर.
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Published : May 29, 2019, 11:23 PM IST

उत्तरकाशी: शासन-प्रशासन की ओर से चारधाम यात्रा को पॉलीथिन मुक्त बनाने की बात की गई थी. जिसके तहत सघन अभियान भी चलाए गए थे. लेकिन सरकार के अभियान धरातल पर नहीं उतर सके. यहां तक की यात्रा पड़ावों के बायोमेट्रिक पंजीकरण स्थानों पर डस्टबीन भी नहीं लगाए गए हैं. जिससे यात्री राह चलते कूड़ा फेंकने को मजबूर हैं.

जानकारी देते स्थानीय.

बता दें कि पॉलीथिन के इस्तेमाल को रोकने के लिए शासन-प्रशासन की ओर से कई प्रकार की नियमावली बनाई गई हैं. साथ ही चारधाम यात्रा के रूटों पर भी विशेष अभियान चलाए गए. लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है. चारधाम यात्रा रूटों पर प्रशासन की ओर से डस्टबिन की व्यवस्था नहीं कि गई है. जिसके चलते यात्री पॉलीथिन और अन्य कूड़ा रास्तों पर ही फेंकते नजर आ रहे हैं. वहीं नगर के पार्किंग और बाजार क्षेत्र में रखे डस्टबीन भी कूड़े से भरे हैं. जिनकी सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

स्थानीय निवासी शैलेन्द्र गोदियाल ने बताया कि चारधाम यात्रा रूटों पर हो रहे प्लास्टिक के प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. साथ ही गंगा नदी भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रदूषित हो रही है. सड़कों और नालियों से कूड़ा बह कर गंगा नदी में जा रहा है. जिससे गंगा की स्वच्छ्ता पर सवाल उठ रहे हैं.

उत्तरकाशी: शासन-प्रशासन की ओर से चारधाम यात्रा को पॉलीथिन मुक्त बनाने की बात की गई थी. जिसके तहत सघन अभियान भी चलाए गए थे. लेकिन सरकार के अभियान धरातल पर नहीं उतर सके. यहां तक की यात्रा पड़ावों के बायोमेट्रिक पंजीकरण स्थानों पर डस्टबीन भी नहीं लगाए गए हैं. जिससे यात्री राह चलते कूड़ा फेंकने को मजबूर हैं.

जानकारी देते स्थानीय.

बता दें कि पॉलीथिन के इस्तेमाल को रोकने के लिए शासन-प्रशासन की ओर से कई प्रकार की नियमावली बनाई गई हैं. साथ ही चारधाम यात्रा के रूटों पर भी विशेष अभियान चलाए गए. लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है. चारधाम यात्रा रूटों पर प्रशासन की ओर से डस्टबिन की व्यवस्था नहीं कि गई है. जिसके चलते यात्री पॉलीथिन और अन्य कूड़ा रास्तों पर ही फेंकते नजर आ रहे हैं. वहीं नगर के पार्किंग और बाजार क्षेत्र में रखे डस्टबीन भी कूड़े से भरे हैं. जिनकी सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

स्थानीय निवासी शैलेन्द्र गोदियाल ने बताया कि चारधाम यात्रा रूटों पर हो रहे प्लास्टिक के प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. साथ ही गंगा नदी भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रदूषित हो रही है. सड़कों और नालियों से कूड़ा बह कर गंगा नदी में जा रहा है. जिससे गंगा की स्वच्छ्ता पर सवाल उठ रहे हैं.

Intro:हेडलाइन- पॉलीथिन उपयोग रोकने के लिए नहीं हुए प्रयास। उत्तरकाशी। शासन प्रशासन की और से चारधाम यात्रा को पॉलीथिन मुक्त बनाने की बात की गई थी। लेकिन इसकी तैयारियां अभी तक नजर नहीं आ रही है। प्रशासन की और से दावा किया गया था कि चारधाम यात्रा रूट के सभी बाजार सहित मुख्य पड़ावों पर पॉलीथिन को रोकने के लिए जन जागरूक अभियान सहित अन्य प्रयास किए जाएंगे। लेकिन यात्रा पड़ावों की बात तो दूर, यात्रा रूटों के बायोमेट्रिक पंजीकरण स्थानों पर भी डस्टबीन नहीं लगे हैं। जिससे यात्री भी मजबूर हैं कि कूड़ा फेंके भी तो कहाँ फेंके।


Body:वीओ-1, पॉलीथिन को रोकने के लिए शासन प्रशासन की और से कई प्रकार की नियमावली बनी हुई है। इसके साथ ही दावे किए गए कि पॉलीथिन को रोकने के लिये चारधाम यात्रा रूटों पर भी विशेष अभियान चलाए जाएंगे। लेकिन वह अभियान अभी तक धरातल पर नहीं दिखे हैं। यही कारण है कि जहां तहां सड़क से लेकर पार्किंग और बाजार और नालियां हो या नगर क्षेत्र में रखे डस्टबीन सब पॉलीथिन की बोतलों सहित अन्य सामानों से पटे पड़े हैं। साथ ही यात्रा रूटों पर कहीं पर भी प्रशासन की और से डस्टबिनों की व्यवस्था नहीं कि गई है। जिस कारण यात्री जहां मन आ रहा है वहाँ पर पॉलीथिन का कूड़ा फेंक रहे हैं।


Conclusion:वीओ-2, चारधाम यात्रा रूटों पर हो रहे प्लास्टिक के प्रयोग से जहां एक और पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। तो साथ ही गंगा भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रदूषित हो रहा है। क्योंकि सड़कों और नालियों से कूड़ा न उठने के कारण वह सीधा बह कर गंगा जी मे जा रहा है। जिस कारण गंगा की स्वच्छ्ता भी एक बड़ा सवाल उठ रहा है। इन सब खामियों के बावजूद भी प्रशासन की पॉलीथिन को रोकने की योजनाएं मात्र फाइलों तक ही अटक कर रह गई है। साथ ही यात्रा रूटों पर पड़ा पॉलीथिन का निस्तारण कैसे होगा। इस पर अभी तक किसी भी स्तर पर विचार नहीं हुआ है। बाईट- अजयप्रकाश बडोला,व्यापारमंडल महामंत्री। बाईट- शैलेन्द्र गोदियाल, स्थानीय निवासी।
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