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उत्तरकाशी के इस गांव का जिला मुख्यालय से कटा संपर्क, घरों में कैद हुए लोग - उत्तरकाशी में लगातार बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त

भटवाड़ी ब्लॉक के दिलसौड़ गांव जाने वाले पहाड़ी मार्ग पर भूस्खलन होने से पूरा मार्ग भागीरथी नदी में जा समाया. जिससे अब ग्रामीणों के लिए आवागमन का कोई मार्ग नहीं रहा.

भटवाड़ी ब्लॉक के दिलसौड़ गांव जाने वाले पहाड़ी मार्ग पर भूस्खलन से मार्ग हुआ ध्वस्त
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Published : Aug 19, 2019, 7:20 PM IST

Updated : Aug 19, 2019, 7:32 PM IST

उत्तरकाशी: प्रदेश में बीते कई दिनों से हो रही लगातार बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं भटवाड़ी ब्लॉक के दिलसौड़ गांव जाने वाले पहाड़ी मार्ग पर भूस्खलन होने से पूरा मार्ग भागीरथी नदी में जा समाया. जिससे अब ग्रामीणों के लिए आवागमन का कोई मार्ग नहीं है.

भटवाड़ी ब्लॉक के दिलसौड़ गांव जाने वाले पहाड़ी मार्ग पर भूस्खलन से मार्ग हुआ ध्वस्त

बता दें कि भारी बारिश के चलते दिलसौड़ गांव के पहाड़ी मार्ग पर भूस्खलन होने से मार्ग का करीब 100 मीटर हिस्सा टूट कर भागीरथी नदी में बह गया. जिससे दिलसौड़ गांव जिला मुख्यालय से अलग-थलग पड़ गया है. वहीं दूसरी ओर चामकोट का मार्ग पहले ही भागीरथी नदी में डूबा हुआ है. जिसके कारण अब ग्रामीण गांव में ही कैद हो गए हैं. ऐसे में ग्रामीणों के सामने कई तरह की समस्याएं खड़ी हो गईं हैं. अगर गांव में कोई बीमार हो जाता है तो उसे अस्पताल भी नहीं पहुंचाया जा सकता.

इसे भी पढ़ेंः उत्तराखंड में भारी बारिश से त्राहिमाम, इस साल 44 लोगों की गई जान, इतने करोड़ का हुआ नुकसान

वहीं दिलसौड़ गांव के वर्तमान प्रधान विजयपाल सिंह महर ने बताया कि लंबे समय से गांव के लिए सड़क और पुल के निर्माण के लिए प्रशासन से मांग की गई थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. यही कारण है कि आज ग्रामीण गांव में ही कैद होकर रह गए हैं. ऐसे में ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है.

उत्तरकाशी: प्रदेश में बीते कई दिनों से हो रही लगातार बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं भटवाड़ी ब्लॉक के दिलसौड़ गांव जाने वाले पहाड़ी मार्ग पर भूस्खलन होने से पूरा मार्ग भागीरथी नदी में जा समाया. जिससे अब ग्रामीणों के लिए आवागमन का कोई मार्ग नहीं है.

भटवाड़ी ब्लॉक के दिलसौड़ गांव जाने वाले पहाड़ी मार्ग पर भूस्खलन से मार्ग हुआ ध्वस्त

बता दें कि भारी बारिश के चलते दिलसौड़ गांव के पहाड़ी मार्ग पर भूस्खलन होने से मार्ग का करीब 100 मीटर हिस्सा टूट कर भागीरथी नदी में बह गया. जिससे दिलसौड़ गांव जिला मुख्यालय से अलग-थलग पड़ गया है. वहीं दूसरी ओर चामकोट का मार्ग पहले ही भागीरथी नदी में डूबा हुआ है. जिसके कारण अब ग्रामीण गांव में ही कैद हो गए हैं. ऐसे में ग्रामीणों के सामने कई तरह की समस्याएं खड़ी हो गईं हैं. अगर गांव में कोई बीमार हो जाता है तो उसे अस्पताल भी नहीं पहुंचाया जा सकता.

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वहीं दिलसौड़ गांव के वर्तमान प्रधान विजयपाल सिंह महर ने बताया कि लंबे समय से गांव के लिए सड़क और पुल के निर्माण के लिए प्रशासन से मांग की गई थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. यही कारण है कि आज ग्रामीण गांव में ही कैद होकर रह गए हैं. ऐसे में ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है.

Intro:भटवाड़ी ब्लॉक का दिलसौड़ गांव के लिए जाने वाला मार्ग पहाड़ी पर भूस्खलन होने के कारण भागीरथी नदी में जा समाया। जिससे कि दिलसौड़ गांव जिला मुख्यालय से अब अलग-थलग पड़ गया है। दूसरी और भी मार्ग बंद हैं। उत्तरकाशी। लंबे समय से एक अदद सड़क और पुल की मांग कर रहे दिलसौड़ गांव के ग्रामीण अब जिला मुख्यालय से अलग-थलग पड़ गए हैं। गांव को जाने वाले मार्ग पर मनेरा की और से भूस्खलन होने के कारण सीधा भागीरथी नदी में जा समाया। वहीं दूसरी और से भी चामकोट का मार्ग पहले ही भागीरथी नदी में बह गया है। जिस कारण अब ग्रामीण गांव में ही कैद हो गए हैं। अब ग्रामीणों के पास गांव से बाहर जाने के लिए कोई भी रास्ता नहीं बचा है। ऐसी स्थिति में अगर कोई आपातकालीन स्थिति आ जाती है। तो ग्रामीणों की मदद कौन करेगा। Body:वीओ-1, दिलसौड़ गांव के निवर्तमान प्रधान विजयपाल सिंह महर में etv bharat को फोन पर दी जानकारी में बताया कि गांव के लिए मनेरा की और से जो मुख्य रास्ता आता था। उस पर भूस्खलन होने के कारण मार्ग सीधा भागीरथी में समा गया है। मार्ग का करीब 100 मीटर हिस्सा सीधा भागीरथी में समाने के बाद अब ग्रामीण गांव में ही कैद होकर रह गए हैं। महर का कहना है कि दूसरी और से चामकोट से जो रास्ता था। वह पहले ही भागीरथी में डूबा हुआ है। जिससे कि अब यह समस्या है कि अगर गांव में कोई बीमार हो जाता है। तो उसे अस्पताल भी नहीं पहुंचाया जा सकता। Conclusion:वीओ-2, विजयपाल महर का कहना है कि लंबे समय से गांव के लिए सड़क और पुल के निर्माण के लिए मांग शासन प्रशासन से की गई थी। लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं कि गई है। यही कारण है कि आज ग्रामीण गांव में ही कैद होकर रह गए हैं। अब ग्रामीणों मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है।



Last Updated : Aug 19, 2019, 7:32 PM IST
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