उत्तरकाशी: रविवार को उत्तरकाशी के मांडो गांव में बादल फट गया. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि लापता शख्स की लगातार तलाश की जा रही है. मांडो, कंकराड़ी और निराकोट गांव से जो तस्वीरें सामने आईं हैं, उसने 2013 की यादें ताजा कर दी है. ऐसी ही एक तस्वीर सिरोर गांव में सामने आई है.
बादल फटने के बाद सिरोर नाले ने गांव के रास्तों, पुलिया भवन और खेतों को भारी नुकसान पहुंचा है. वहीं सिरोर गांव के कुशाल सिंह की जीवन भर की कमाई बह गई है. कुशाल सिंह ने कड़ी मेहनत के बाद सिरोर गांव में परिवार के पालन-पोषण के लिए दुकान खड़ी की थी. जो रविवार की आपदा में उनके आंखों के सामने बह गई. अपनी गाढ़ी कमाई को बेबस नजरों से कुशाल सिंह बहते देखते रह गए.
अब कुशाल सिंह के सामने दो बच्चों और परिवार के पालन-पोषण के लिए आजीविका का कोई साधन नहीं रहा. दरअसल, सिरोर गांव के कुशाल सिंह महर बताते हैं कि घर के पालन-पोषण के लिए उन्होंने किराए पर दुकान शुरू की थी. 6 वर्षों तक किराए पर दुकान चलाने के बाद उन्होंने गांव में ही एक जमीन लेकर 25 वर्षों की मेहनत से किराने और सब्जी की दुकान बनवा ली. इसी दुकान से परिवार में पत्नी सहित मां और तीन बच्चों का पालन-पोषण होता था.
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रविवार देर रात आए सैलाब में कुशाल सिंह ने अपने परिवार के साथ दुकान का सामान बचाने के लिए भागे. लेकिन रास्ते में बिजली का पोल गिरने की वजह से वे लोग आगे नहीं बढ़ पाए. इसी दौरान उनके आंखों के सामने 25 साल की गाढ़ी कमाई बहती हुई दिखाई दी. जो उन्हें रह-रह कर टीस रही है.
कुशाल सिंह और उनके परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. सिरोर के क्षेत्र पंचायत सदस्य जयबीर पंवार और ग्राम प्रधान रत्न सिंह राणा ने कहा कि गांव को जोड़ने वाला सम्पर्क मार्ग सैलाब में समा गया है. साथ ही गांव की सिंचाई के लिए हाईड्रम योजना भी कभी भी टूट सकती है. आपदा के बाद पांच भवन खतरे की जद में हैं और तीन दिन से हो रही बारिश ग्रामीणों को डरा रही है.