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इंडो-चीन बॉर्डर पर बनी हवाई पट्टी का निरीक्षण करने पहुंचे वायुसेना के अधिकारी

चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर इलाहाबाद एयर बेस से दो चेतक हेलीकॉप्टर पहुंचे. हवाई पट्टी का निरीक्षण करने के बाद वायुसेना के अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन के साथ हवाई पट्टी पर आपातकालीन स्थिति में विमानों के लैंडिंग सहित अन्य व्यवस्थाओं पर चर्चा की.

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Published : Oct 20, 2020, 10:40 PM IST

चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी
चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी

उत्तरकाशी: सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर वायुसेना की गतिविधियां जारी है. विगत दो सालों से चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर वायु सेना की गतिविधियां लगातार तेज हुई है. वहीं, वायु सेना 'गगन शक्ति' नाम से इस हवाई पट्टी पर अपने लड़ाकू और मालवाहक विमानों के साथ ट्रायल ऑपेरशन तक चला चुकी है. ऐसे में इस हवाई पट्टी पर दो बार वायु सेना का मालवाहक विमान सफल लैंडिंग कर चुका है.

इंडो-चीन बॉर्डर पर बनी हवाई पट्टी का निरीक्षण

इस क्रम में मंगलवार को चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर इलाहाबाद एयर बेस से दो चेतक हेलीकॉप्टर पहुंचे थे. इन हेलीकॉप्टर में वायु सेना के 6 अधिकारी हवाई पट्टी का निरीक्षण करने पहुंचे थे. ऐसे में वायुसेना के इन अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन के साथ हवाई पट्टी पर आपातकालीन स्थिति में विमानों के लैंडिंग सहित अन्य व्यवस्थाओं पर चर्चा की. साथ ही वायु सेना के अधिकारियों के हवाई पट्टी के टर्मिनल सहित एटिसी टॉवर और रनवे की चौड़ाई का भी निरीक्षण किया.

पढ़ेंः बदरीनाथ मास्टर प्लान को लेकर पर्यटन सचिव ने स्थानीय व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों के साथ की बैठक

तहसीलदार पीएस चौहान ने बताया कि वायु सेना के अधिकारियों ने हवाई पट्टी की सुविधाओं और आपातकालीन स्थितियों के बारे में चर्चा की. जिसके बाद वह अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए.

बता दें कि चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से अंतरराष्ट्रीय सीमा की हवाई दूरी करीब 125 किमी है. वहीं, उत्तरकाशी जनपद से सटी LAC के मद्देनजर वायु सेना और सेना के लिए यह हवाई पट्टी सामरिक दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण है. ऐसे में बीते दो सालों से वायु सेना ने भी इस हवाई पट्टी पर अपनी गतिविधियां तेज कर दी है.

उत्तरकाशी: सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर वायुसेना की गतिविधियां जारी है. विगत दो सालों से चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर वायु सेना की गतिविधियां लगातार तेज हुई है. वहीं, वायु सेना 'गगन शक्ति' नाम से इस हवाई पट्टी पर अपने लड़ाकू और मालवाहक विमानों के साथ ट्रायल ऑपेरशन तक चला चुकी है. ऐसे में इस हवाई पट्टी पर दो बार वायु सेना का मालवाहक विमान सफल लैंडिंग कर चुका है.

इंडो-चीन बॉर्डर पर बनी हवाई पट्टी का निरीक्षण

इस क्रम में मंगलवार को चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर इलाहाबाद एयर बेस से दो चेतक हेलीकॉप्टर पहुंचे थे. इन हेलीकॉप्टर में वायु सेना के 6 अधिकारी हवाई पट्टी का निरीक्षण करने पहुंचे थे. ऐसे में वायुसेना के इन अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन के साथ हवाई पट्टी पर आपातकालीन स्थिति में विमानों के लैंडिंग सहित अन्य व्यवस्थाओं पर चर्चा की. साथ ही वायु सेना के अधिकारियों के हवाई पट्टी के टर्मिनल सहित एटिसी टॉवर और रनवे की चौड़ाई का भी निरीक्षण किया.

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तहसीलदार पीएस चौहान ने बताया कि वायु सेना के अधिकारियों ने हवाई पट्टी की सुविधाओं और आपातकालीन स्थितियों के बारे में चर्चा की. जिसके बाद वह अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए.

बता दें कि चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से अंतरराष्ट्रीय सीमा की हवाई दूरी करीब 125 किमी है. वहीं, उत्तरकाशी जनपद से सटी LAC के मद्देनजर वायु सेना और सेना के लिए यह हवाई पट्टी सामरिक दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण है. ऐसे में बीते दो सालों से वायु सेना ने भी इस हवाई पट्टी पर अपनी गतिविधियां तेज कर दी है.

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